एक अच्छे गुरु की झलक दिखती है श्री पटेल में
ऐसे हैं हमारे मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल— बारह
स्वामी विवेकानंद जी का बचपन का नाम नरेंद्र था। आगे चलकर वे देश की उन मूर्धन्य हस्तियों में शामिल हुए, जिन्होने अपने विचारों की शक्ति से विश्व को रास्ता दिखाया। हमारा भारत गुरु को भगवान से भी अग्रणी क्रम में रखता है। इसका कारण यह है कि गुरु ही वह होते हैं, जो किसी के भी व्यक्तित्व को तराशने के साथ ही उसे दिशा दिखाने का काम करते हैं। अनगढ व्यक्तित्व को तराशने के इस क्रम में गुरु को कई बार कठोर भी दिखना होता है, लेकिन इस कठोरता के पीछे मन में सुधार और बदलाव की भावना होती है। मुझे तो अच्छे गुरु की झलक दिखती है श्री पटेल में।
मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री माननीय नरेंद्र शिवाजी पटेल का सुदीर्घ सार्वजनिक जीवन रहा है और लोक कल्याण को समर्पित इस व्यक्त्वि की अत्यधिक व्यस्तताएं हैं। मैने स्वयं को पूरी तरह भारतीय संस्कारों से युक्त आधुनिकतम शिक्षा विद्यार्थियों को प्रदान करने के लिए स्वयं को समर्पित कर रखा है। ऐसे में उनसे आमने—सामने की भेंट के अधिक अवसरों की संभावना नहीं होती। लेकिन लंबे समय से उन्हे मीडिया— सोशल मीडिया पर देखता रहा हूं। प्रत्येक विषय पर उनके विचारों में एक श्रेष्ठ गुरु झलकता है, जो समाज को दिशा देने के लिए अनवरत काम कर रहा है। उन्हे इस बात की कतई परवाह नहीं होती कि इस क्रम में कई बार उनकी कठोरता कुछ लोगों की आलोचना का उन्हे शिकार बना सकती है। लेकिन जो बहुत बडे और स्पष्ट लक्ष्य लेकर चलते हैं, उन्हे अनुचित आलोचना को अनदेखा करने की आदत—सी हो जाती है। यह कुम्हार द्वारा घडे का गढने जैसा काम है, जिसमें अंदर से सहारे के साथ बाहर से चोटों की गूंज भी सुनाई दे जाती है।
—प्रशांत राठी
श्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थान समूह गुरुकुल के संचालक हैं और भारतीय संस्कृति के प्राचीनतम मूल्यों के साथ बच्चों को आधुनिकतम शिक्षा देने को समर्पित हैं।
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