अभिनय से लेखन तक: संस्मरण से आगे बढ़ी इन अभिनेत्रियों की कलम

बॉलीवुड में ऐसी कई अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने संस्मरणों से आगे बढ़कर कविताएं, बच्चों की कहानियां, उपन्यास, भोजन, पालन-पोषण और कल्याण संबंधी पुस्तकें लिखी हैं। आलिया भट्ट का पपी प्रेम जून 2024 में आलिया भट्ट ने एडवेंचर्स ऑफ एड-ए-ममा…
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जिंदगी! देखना है…

बहुत मंहगी दवा कुछ पर असर दिखाती है। उन्हे बीमारी भी तो बहुत खास आती है। गरीब हैं जी, है बीमार रहना आदत-सी एक मामूली दवा पुरअसर दिखाती है। सुबह से शाम तक जूझा किए हालातों से ये जद्दोजहद है जो हाड कंपकंपाती है। थकान, भूख और नींद के…
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जमीर

ऐसे कब जागता है किसी इंसान का जमीर। झकझोरना पडता है उसके ईमान को, मारना पडते हैं छींटे धर्म के, चीत्कार करना होता है सत्य का कानों में, अगर ना जागे फिर भी इंसान, तव दिखाना पडता है बंद आंखों में ही, किसी अपनों पर हुआ अत्याचार,…
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रक्षा बंधन— दो प्राचीन कथाएं

रक्षाबंधन के संबंध में हमें सबसे प्राचीन दो कथाएं मिलती है। पहली भविष्य पुराण में इंद्र और शची की कथा और दूसरी श्रीमद्भागवत पुराण में वामन और बाली की कथा। इन दोनों ही कथाओं का समय काल निर्धारित करना कठिन है। राजा बली भी इंद्र के ही काल में…
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किन्नरों के साथ आत्मीय संवाद

—करुणा रघुवंशी प्रकृति का हर रूप मुझे आकर्षित करता है। ईश्वर की बनाई कृति के मौलिक स्वरूप को देखने— समझने की चाह बहुत कुछ ऐसा करा रही होती है, जिसे शायद असामान्य कहा जा सकता है। किन्नरों को हम सभी देखते रहते हैं। इनके प्रति जिज्ञासा भी कई…
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मुरझाया यह तो…

हमने जो चाहा वही मिला। अनचाहे से क्यों करें गिला। दिल से जी लेने की जिद में मुरझाया यह तो कभी खिला। —याज्ञवल्क्य https://www.facebook.com/profile.php?id=100063791445862
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मैं और मेरा एम्स के संगीत के बीच एक दिन

—स्वर्णा तिवारी मेरा अस्पतालों के साथ सदा से ही साँप नेवले का नाता रहा है। लेकिन पिछले छः महीनों में भोपाल के एम्स अस्पताल का मेरा अनुभव शायद सबसे ज़्यादा अटपटा रहा होगा। यहाँ हर बार मेरा अनुभव मेरे साथ कुछ नया छोड़ जाता है। अभी पिछले ही…
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विविध रंगों से रंगी जिंदगी——याज्ञवल्क्य

कभी किया करती दिलजोई, कभी सताया करती है। शतरूपा  है,  जाने  कितने  रूप  दिखाया करती है। खट्टी—मिट्ठी, यारी—कुट्टी, चलती रहती धींगामस्ती विविध रंगों से रंगी जिंदगी, मुझे रिझाया करती है। —याज्ञवल्क्य…
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लिखीं चंद सतरें…—याज्ञवल्क्य

मोहब्बत भरा दिल लेकर हैं चलते। जहां मर्जी हो, तुम वहां लूट लेना। अगर कोई शिकवा—शिकायत है हमसे मनाने की हद तक, तुम रूठ लेना। कभी वक्त दे पाया हमको न मोहलत सजाएं— संवारें, पन्ने उमर के। थी कालिख, नमी थी, लिखीं चंद सतरें मन सच कहे या…
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पर समझ न पाए कभी…-याज्ञवल्क्य

अगर है साफ दिल दिल में मेरे समा जाओ। जो दुनियादारी है इतने करीब मत आओ। खुद को समझाते रहे पर समझ न पाए कभी। सीखो दुनिया के चलन यूं यकीन मत लाओ। -याज्ञवल्क्यwww.facebook.com/Yagyawalkya-313349052121709/www.subhchoupal.com…
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