धीरे-धीरे…

बनाया है मैंने ये घर धीरे-धीरे, खुले मेरे ख़्वाबों के पर धीरे-धीरे। किसी को गिराया न ख़ुद को उछाला, कटा ज़िंदगी का सफ़र धीरे-धीरे। जहाँ आप पहुँचे छलांगे लगाकर, वहाँ मैं भी आया मगर धीरे-धीरे। पहाड़ों की कोई चुनौती नहीं थी, उठाता गया…
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तुमसे रहती आस…

तुम ही मेरी आस्था, तुम ही हो विश्वास। घनी निराशा बीच भी, तुमसे रहती आस।।1 मर्यादाएं बिसरतीं, कहते जिसको प्रेम। तुम आंखों में हो बसे, कौन निभाए नेम।।2 सिखा दिया है आपने, शब्द बिना संवाद। कहना-सुनना क्या हुआ, किसको रहता याद।।3 हम…
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अपना ही गांव है….

यहां आकर लगा यह अपना ही गांव है। पार आया तो लगा अपनी ही नाव है। जरा कर बेर भरपेट खाकर भाव पूछा सारे देकर कह गया बस एक पाव है। इतना खुश है वह खुशामद में हमारी निश्छल प्रेम का यह मूछों पर ताव है। मिर्ची चटनी रोटी घी है लाजवाब खुश हैं…
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संभलने में समय भी चाहिए…

तन्हाईयों का मौसम है, संभलने में समय भी चाहिए। दो पल ही सही एहसास तडप का कहीं तो होना चाहिए। गुजरे हुऐ लम्हों का ठिकाना है बहुत खास, कुछ देर ही सही, पुराने समय में तो जाईऐ। नहीं रहीं अव वो पक्षियों की चह चहाहट, बदले हुऐ जमाने…
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मोबाइल महिमा

मोबाइल गुण सागर, जो करे सही उपयोग, संकट में रक्षा करे, हरे शोक, भय रोग।हरे शोक भय रोग नित नये ग्यान सिखावै, देश विदेश में अंजानों को मित्र बनावै।गम तन्हाई दूर करे, प्रेम पाती पंहुचावै, बरसों से बिछुडे प्रियतम से मिलन करावै।…
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चुपके से मुझको जगा गया कोई

मीठे से ख़्वाब में आ गया कोई। चुपके से मुझको जगा गया कोई। प्यार का इरादा ज़रा भी न था, पर दिल को मेरे भा गया कोई। सोचा किसी को न याद करेंगे, दिन रात यादों में छा गया कोई। रात है अंधेरी ये कैसें कटेगी, सिरहाने दीपक जला गया कोई।…
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बरेली में आधी रात के बाद भी चलता रहा कवि सम्मेलन

(बरेली कार्यालय) बरेली (रायसेन)। रायसेन जिले का बरेली नगर का नाम कविता जगत में दशकों से देशभर में जाना—माना रहा है। एक ओर यहां के कवि स्वाधीनता के पूर्व से ही अखिल भारतीय स्तर पर विशेष स्थान बनाते रहे हैं, वही दूसरी ओर देश के विख्यात कवि…
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फागुन की रातें

अधरों पर प्रतिबंध देख आंखों ने की बातें। महक- महक उठती हैं पागल फागुन की रातें।। एकाकीपन मन का टूटा महक उठी अमराई। बहुत दिनों के बाद समय ने ली मादक अंगड़ाई। उस सूनी मुंडेर पर कोई काग बोलता होगा। करती हैं संकेत फागुनी गीतों की…
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प्रादेशिक साहित्यक अकादमी पुरस्कार से अशोक मनवानी सम्मानित

—याज्ञवल्क्य भोपाल। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग की साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद् ने वर्ष 2019 के 13 अखिल भारतीय और 15 प्रादेशिक कृति पुरस्कारों की घोषणा की है। बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार—पत्रकार—कलाकार अशोक मनवानी…
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