जीभर जीना हमको भाया

सब कुछ खोया, सब कुछ पाया। कभी है अपना, कभी पराया। असमंजस में उलझ न पाए जीभर जीना हमको भाया। तपी धूप तो इसमें तपकर तपने का आनंद उठाया। साथ मेघ के उमडी नदिया लहरों के संग खेल रचाया। चलीं बहुत ही सर्द हवाएं हाड कंपे पर हम न कांपे।…
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हर महिला को सम्मान मिले…..

जब हर दिन होती हैं वे तड़पती अधिकारों से वंचित, असम्मानित सिसकियाँ गूंजती हैं चारों ओर क्यों चुप हैं हम, क्यों है ये दौर?नवरात्रि में पूजा करते हैं हम माँ दुर्गा के रूपों को करते हैं सम्मान। लेकिन क्या सोचते हैं हम उस वक्त जब…
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हिन्दी भावों की अभिव्यक्ति और मातृभूमि पर मर-मिटने की भक्ति है: राज्यपाल श्री पटेल

भोपाल। मप्र के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि हिन्दी, माँ भारती के मस्तक की बिंदी है। यह सिर्फ भाषा नहीं, भावों की अभिव्यक्ति और मातृ भूमि पर मर मिटने की भक्ति है। हिंदी के सतत् विकास, समृद्धि और प्रसार के लिए क्षेत्रीय शब्दों का…
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फासीवाद के खिलाफ लगातार सतर्क किया परसाई ने

भोपाल। हरिशंकर परसाई को सिर्फ व्यंग्य लेखक के रूप में सीमित कर देने का प्रयास एक वैचारिक साजिश है। परसाई भारतीय फासीवाद के सांस्कृतिक आधारों और विचारधारा की सबसे गहरी पड़ताल करने वाले लेखक थे। यह बात वाराणसी से आए कवि - आलोचक आशीष त्रिपाठी…
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राजा किशोर सिंह पर पुस्तक का विमोचन

—अशोक मनवानी भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कवि चन्द्रभान सिंह लोधी की पुस्तक "शेर-ए-बुंदेलखंड : राजा किशोर सिंह" पुस्तक का विमोचन किया। पशुपालन और डेयरी विकास राज्य मंत्री लखन पटेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। विमोचन अवसर पर उपस्थित…
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अभिनय से लेखन तक: संस्मरण से आगे बढ़ी इन अभिनेत्रियों की कलम

बॉलीवुड में ऐसी कई अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने संस्मरणों से आगे बढ़कर कविताएं, बच्चों की कहानियां, उपन्यास, भोजन, पालन-पोषण और कल्याण संबंधी पुस्तकें लिखी हैं। आलिया भट्ट का पपी प्रेम जून 2024 में आलिया भट्ट ने एडवेंचर्स ऑफ एड-ए-ममा…
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जिंदगी! देखना है…

बहुत मंहगी दवा कुछ पर असर दिखाती है। उन्हे बीमारी भी तो बहुत खास आती है। गरीब हैं जी, है बीमार रहना आदत-सी एक मामूली दवा पुरअसर दिखाती है। सुबह से शाम तक जूझा किए हालातों से ये जद्दोजहद है जो हाड कंपकंपाती है। थकान, भूख और नींद के…
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जमीर

ऐसे कब जागता है किसी इंसान का जमीर। झकझोरना पडता है उसके ईमान को, मारना पडते हैं छींटे धर्म के, चीत्कार करना होता है सत्य का कानों में, अगर ना जागे फिर भी इंसान, तव दिखाना पडता है बंद आंखों में ही, किसी अपनों पर हुआ अत्याचार,…
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रक्षा बंधन— दो प्राचीन कथाएं

रक्षाबंधन के संबंध में हमें सबसे प्राचीन दो कथाएं मिलती है। पहली भविष्य पुराण में इंद्र और शची की कथा और दूसरी श्रीमद्भागवत पुराण में वामन और बाली की कथा। इन दोनों ही कथाओं का समय काल निर्धारित करना कठिन है। राजा बली भी इंद्र के ही काल में…
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