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# कविता—शायरी

हर महिला को सम्मान मिले…..

जब हर दिन होती हैं वे तड़पती अधिकारों से वंचित, असम्मानित सिसकियाँ गूंजती हैं चारों ओर क्यों चुप हैं हम, क्यों है ये दौर?नवरात्रि में पूजा करते हैं हम माँ दुर्गा के रूपों को करते हैं सम्मान। लेकिन क्या सोचते हैं हम उस वक्त जब…
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विविध रंगों से रंगी जिंदगी——याज्ञवल्क्य

कभी किया करती दिलजोई, कभी सताया करती है। शतरूपा  है,  जाने  कितने  रूप  दिखाया करती है। खट्टी—मिट्ठी, यारी—कुट्टी, चलती रहती धींगामस्ती विविध रंगों से रंगी जिंदगी, मुझे रिझाया करती है। —याज्ञवल्क्य…
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लिखीं चंद सतरें…—याज्ञवल्क्य

मोहब्बत भरा दिल लेकर हैं चलते। जहां मर्जी हो, तुम वहां लूट लेना। अगर कोई शिकवा—शिकायत है हमसे मनाने की हद तक, तुम रूठ लेना। कभी वक्त दे पाया हमको न मोहलत सजाएं— संवारें, पन्ने उमर के। थी कालिख, नमी थी, लिखीं चंद सतरें मन सच कहे या…
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पर समझ न पाए कभी…-याज्ञवल्क्य

अगर है साफ दिल दिल में मेरे समा जाओ। जो दुनियादारी है इतने करीब मत आओ। खुद को समझाते रहे पर समझ न पाए कभी। सीखो दुनिया के चलन यूं यकीन मत लाओ। -याज्ञवल्क्यwww.facebook.com/Yagyawalkya-313349052121709/www.subhchoupal.com…
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