फिर से पांव जमाने के प्रयास में सत्ता के दलाल

रायसेन— मामले सुलझवाने की कीमत लाखों रुपए

—याज्ञवल्क्य
रायसेन। मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन को अभी एक साल भी नहीं बीता है। संभावनाओं से हटकर डॉ मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद रायसेन जिले में भी बदले हुए समीकरणों में सत्ता के दलाल किनारे हो गए अथवा कर दिए गए। हाल ही के कुछ महीनों से यह प्रजाति जिले में एक बार फिर से पांव जमाने के प्रयास में है। जिले में कुछ—कुछ मामले सुलझवाने के नाम पर लाखों रुपयों के लेनदेन की चर्चाएं सामने आने लगी हैं।

जिले के वर्तमान परिदृश्य को देखें तो राजनीतिक समीकरण एकदम बदले हुए हैं। सत्ता के केंद्र बदलने के साथ ही पुराने सत्ता के दलाल भी अब तक लगभग प्रभावहीन हो चुके हैं और अधिकारियों तथा ‘हितग्राहियों’ के बीच इनकी पूछपरख समाप्तप्राय है। इनमे से कुछ पुराने लोग नए शक्ति केंद्रों के निकट के लोगों से संपर्क बनाकर एक बार फिर दुकानदारी जमाने के प्रयास कर रहे हैं।

लाखों रुपए में सुलझवा रहे मामले
यदि लोगों के बीच चल रही चर्चाओं को सही माना जाए तो जिले में अलग—अलग मुखौटों में सक्रिय हो रहे सत्ता के दलाल लाखों रुपये लेकर विभिन्न विभागों में लंबित मामलों को सुलझाने में लग गए हैं। नर्मदा की रेत, सहकारिता और शराब का अवैध कारोबार जिले में काली कमाई के तीन प्रमुख स्रोत रहे हैं। मंत्री राजर्षि नरेंद्र शिवाजी पटेल के कडे रवैए ने जिले में रेत माफिया को लगभग ध्वस्त कर दिया है। शराब माफिया की कई स्तरों पर सीधी पैठ है। ऐसे में सत्ता के दलाल मुख्य रूप से सहकारिता को अपना कार्यक्षेत्र बना रहे हैं। हाल ही में मामले सुलटवाने के नाम पर लाखों के लेनदेन की चर्चाएं हैं।

क्या कहते हैं नेतागण?
इस विषय पर हमने भाजपा के कुछ पूर्व और कुछ वर्तमान पदाधिकारियों से चर्चा की। सीधे अपने नाम सहित कोई कुछ कहने को तैयार नहीं हुआ, लेकिन अनौपचारिक रूप से इन्होने अपने विचार व्यक्त किए। एक वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना था कि सत्ता के निकट के कई लोगों में कमाई की प्रवृत्ति जागती है, लेकिन हम इसे नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं। एक अन्य वरिष्ठ नेता का कहना था कि किसी भी परेशान व्यक्ति की सिफारिश कोई भी कर सकता है। ऐसे में नेता भी उसकी समस्या को सुलझाने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग स्वाभाविक रूप से कर लेते हैं। अधिकारियों का और सिफारिशकर्ताओं का यह दायित्व है कि बिना लोभ—लालच के मामले की वस्तुस्थिति से अवगत कराएं। (क्रमश:)