विधानसभा चुनाव परिणाम: लोकतंत्र के प्रति आस्था जताने का अवसर
—याज्ञवल्क्य
भोपाल। बीता नवंबर माह विधानसभा चुनाव की गहमागहमी से भरा रहा। साल के अंतिम दिसंबर महीने में आज 3 तारीख को दोपहर से चुनाव परिणाम के संकेत प्रारंभ हो जाएंगे और शाम तक स्थिति लगभग स्पष्ट हो चुकेगी। चुनाव के लिए रातदिन एक करने वाले राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों, उनके समर्थको और हम नागरिकों के लिए चुनाव परिणाम को लेकर अनुमानों—जिज्ञासाओं से पर्दा उठने वाला है। यह स्वाभाविक रूप से उत्तेजना उत्पन्न करने वाला समय है और यही हमारे लिए लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था जताने का भी अवसर है।
हमारे देश की निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर हमे गर्व है। निर्वाचन कार्य में जुटे अधिकारियों—कर्मचारियों की लोकतंत्र के इस महायज्ञ के प्रति निष्ठा हमें लोकतंत्र की गरिमा के प्रति आश्वस्त करती है। हमारे नेताओं को राजनीति में लंबी पारी खेलनी है और यह अगली पीढी तक चली जाती है।
अब, जब कि कुछ घंटे बाद हम चुनाव परिणाम का सामना कर रहे होंगे, यह हमारी अपेक्षा के अनुरूप अथवा उसके विपरीत भी हो सकता है। यह दोनो स्थितियां हमसे अधिकतम संयम और शालीनता की अपेक्षा करती हैं।
कुछ साल पहले देश के एक बडे नेता से चुनाव परिणाम को लेकर मुझे लंबी चर्चा का अवसर मिला था। यहां आपको बताना चाहूंगा कि ये नेता प्रदेश और देश में अतिमहत्वपूर्ण दायित्व निभा चुके थे। मैने पूछा कि चुनाव हारने की आशंका किस सीमा तक विचलित कर देती है? इस पर कुछ क्षणों की चुप्पी के बाद उन्होने गंभीरता से उत्तर दिया कि राजनीति हो या कोई अन्य क्षेत्र, कई बार हमे अप्रत्याशित परिणाम का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति कुछ विचलित तो करती है, लेकिन हमे अपनी सोच और व्यवहार भविष्य को देखते हुए निर्धारित करना होते हैं। फिर वे हल्केफुल्के मूड में कहने लगे कि हम नेताओं पर जनता की हमेशा नजर रहती है। एक चुनाव हारने के बाद यह ध्यान में रखना होता है कि अगला चुनाव जीतना है, ऐसे रहें। इसके बाद और अधिक मुस्कराते हुए कहते हैं कि अगली पीढ़ी भी राजनीति करेगी। कुछ ऐसा नहीं कह—कर सकते जो उनके लिए बाधा बन जाए।
हमारे पाठक हमारी भावना को समझ रहे होंगे। यदि आप विजयी पक्ष में हैं तो बधाई स्वीकार करें और ऐसा व्यवहार करें कि जनता को अपने चुनाव पर गर्व हो। और यदि चुनाव परिणाम विपरीत आए तो विचलित न होकर इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करें तथा स्वयं को ऐसा रखें कि जनता अगले चुनाव में आपको चुनने को लालायित हो।