ओशो का जन्म मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में बरेली तहसील मुख्यालय से करीब बीस किलोमीटर दूर कुचवाडा में हुआ था. रजनीशचंद्र मोहन, रजनीश, आचार्य रजनीश, भगवान रजनीश और अंत में ओशो के रूप में दुनिया ने उन्हे जाना. हो सकता है उनकी किसी बात ने आपको भी छुआ हो. टोक्यो, जापान की नवातामित्शुको यानि मा देवकविता ने उनके जीवन के कई रूपों को कैनवास पर उकेरा है. शुभ चौपाल द्वारा पहली बार यह ओशो प्रेमियों के लिए.