किसान आंदोलन— दिल्ली कूच जारी, लगातार बढ रहा टकराव

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसानो के आंदोलन के दौरान किसानो और पुलिस में टकराव व झडपें बढती जा रही हैं। दिल्ली को हरियाणा से जोड़ती सिंधु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हैं। ये दिल्ली में प्रवेश करना चाहते हैं, लेकिन दिल्ली तथा हरियाणा पुलिस के साथ ही अन्य सुरक्षा बलों के साथ टकराव शुरू हो गया है। टीकरी बॉर्डर पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है। यहां आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे किसानों को पुलिस पीछे धकेलने में लगी है। इस दौरान कई बार भगदड़ की स्थिति बनी। किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। बॉर्डर पर आवाजाही को पूरी तरह रोक दिया गया है। किसानो के दिल्ली पहुंचने के हर संभावित रास्तों पर कडी चौकसी चल रही है।

आ रही सूचनाओं के अनुसार पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी है। इसके बाद किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल पुलिस अधिकारियों से मिला। उनका कहना है कि किसानों को दिल्ली जाने दिया जाए। किसान पूरी तैयारी से आए हैं और 10 दिन तक वहां रुकने को तैयार हैं। किसानों ने हिंसा की धमकी भी दी है। इससे पहले दिल्ली करनाल हाईवे पर पुलिस के साथ संघर्ष हुआ। किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। किसानों का दिल्ली कूच गुरुवार से जारी है। हालांकि गुरुवार को ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि किसानों को आंदोलन करने की जरूरत नहीं है। वे दिल्ली आएं और वार्ता करें। उनकी हितों की रक्षा की जाएगी।

इधर बहादुरगढ़ के सेक्टर 9 बाईपास चौक पर चारों तरफ पुलिस की ओर से भारी मात्रा में ट्रक खड़े कर दिए गए हैं । पुलिस ने यह रणनीति इसलिए की है कि कोई भी किसान वाहन लेकर दिल्ली की तरफ से निकल सके। किसानों के दल में शामिल एक जत्था पहले हाथ जोड़कर नाके पर दिल्ली जाने की गुहार लगाता है। नही मानने पर जेसीबी से सब कुछ हटाकर आगे बढ़ रहा है। रोहद टोल पर भी यही रणनीति किसानों ने अपनायी है। पहले आगे वाले रास्ते की सूचना लेने के लिए कुछ किसान आगे छोटे वाहन में जाते है। सूचना मिलने पर ही किसान आगे बढ़ रहे है। किसानों का एक ही कहना है उन्हें दिल्ली जाना है बस।

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