स्व गज्जे भैया— एक शिक्षक में समाए थे कई व्यक्तित्व
शिक्षक दिवस 5 सितंबर पर विशेष
—निखिल गज्जे भैया खरे
राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त, कवि, वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षक स्व श्री प्रभुदयाल खरे ‘गज्जे भैया’ को लोग एक सुयोग्य शिक्षक, लोकप्रिय कवि, प्रखर चिन्तक, सक्रिय पर्यावरण हितैषी, और अथक समाजसेवी के रूप में जानते हैं। जिन्होंने अपना जीवन श्रेष्ठ संकल्पना की पूर्ति के लिए समर्पित कर रखा था। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की ‘बुंदेली’ लाडली बोली है, बात जब बुन्देली की हो तो अनायास ही ‘गज्जे भैया’ का नाम लोगों की जुबान पर आ जाता है। आखिर वे आधी सदी तक देश में बुंदेली और हिंदी भाषा का मान बढ़ाने को समर्पित जो रहे हैं। भारत के अनेकों कवि सम्मेलन इसके साक्षी रहे है, जो गज्जे भैया की बुंदेली मिठास के अभ्यस्त हो चुके थे। गज्जे भैया कवियों के शिल्पकार रहे है, जिन्होंने बीते वर्षों मे सैकड़ों काव्य प्रतिभाओं को तरासा है, बरेली नगर में श्री निराला साहित्य जन कल्याण समिति वह माध्यम बनी रही, जिसकी स्थापना गज्जे भैया के अथक प्रयासों से हुई, जिसने कवियों की तीन पीढ़ियों जैसे लब्ध प्रतिष्ठित से लेकर नवोदितों तक के बीच सेतु का काम किया है उनके संचालन में देश के मूर्धन्य कवि यहाँ कविता पाठ करते रहे हैं।
ऐसे थे हमारे गज्जे भैया
कमनीय भावों को गीतमय परिधान पहनाने में प्रवीण, हास्य कवि प्रभुदयाल खरे ‘गज्जे भैया’ का जन्म 22 मई 1947 को मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिला के अंतर्गत नर्मदा अंचल के ग्राम मदनपुर (तहसील तेंदूखेड़ा) में हुआ । प्रारंभिक शिक्षा अपने ग्राम मदनपुर में करने के बाद उच्च शिक्षा हेतु बरेली, जिला रायसेन आए, यहीं शिक्षा विभाग में शिक्षक पद पर रहकर सेवा की, शिक्षण कार्य के अतिरिक्त साहित्यिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर, बरेली नगर का नाम राष्ट्रीय मानचित्र पर अंकित कराया, अपने अध्यापन काल में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट क्रियाकलापों के आधार पर शिक्षा विभाग का सर्वाेच्च सम्मान राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार डाँ राधाकृष्णन सम्मान, तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम एपीजे अब्दुल कलाम साहब से प्राप्त किया, उसके बाद मध्य प्रदेश सरकार द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह जी चैहान से सम्मानित हुए, आपने साहित्यक गतिविधियो को संचालित करने हेतु श्री निराला साहित्य जन कल्याण समिति की स्थापना की एवं वर्षों तक अध्यक्ष पद को सक्रियता के साथ संभाला, समिति के माध्यम से लगभग 30 वर्षों से नगर में साहित्यिक चेतना जागरण करने का कार्य करते रहे हैं। संस्था के माध्यम से नवोदित रचनाकारों को मंच प्रदान कर प्रोत्साहित करने का अनूठा प्रयास किया है।
रच दिया इतिहास
स्व गज्जे भैया राष्ट्रीय कवि संगम के जिला प्रभारी, पेंशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष, मानस मंडल बरेली के सचिव, सरस्वती शिशु मंदिर एवं सेवा भारती में सदस्य, प्रतिभा परिषद हिंदी भवन के सचिव, और अनेक संस्थाओं मैं सक्रिय पदाधिकारी रहे । नगर में अखंड कवि सम्मेलन लगातार 24 घंटे कविता पाठ करा कर संपूर्ण भारत में इतिहास रच दिया, इसके साथ ही कवियत्री सम्मेलन, बाल कवि सम्मेलन, प्रज्ञा चक्षु कवि सम्मेलन, प्रतिभा सम्मान और साहित्य से जुड़ी गतिविधियाँ हमेशा करते रहे। इसके साथ ही नगर में आयोजित सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सांप्रदायिक सद्भावना पर केंद्रित आपकी भागीदारी उल्लेखनीय रही है। मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग, साहित्य अकादमी भोपाल के द्वारा संचालित पाठक मंच इकाई बरेली के केंद्र संयोजक रहे, जिसमें उन्होंने हिंदी एवं बुंदेली भाषा के प्रचार प्रसार के लिए प्रशंसनीय कार्य किया। वर्तमान युवापीढ़ी के प्रेरणा स्रोत, शिक्षा साहित्य जगत के प्रकाशित स्तंभ स्व प्रभुदयाल खरे ‘गज्जे भैया’ अपने सादगी पूर्ण व्यवहार कार्यकुशलता एवं कर्तव्य निष्ठा के साथ समर्पण भाव से कार्य करते रहे हैं।
इस तरह सम्मानों से हुए विभूषित
उत्कृष्ट सेवा हेतु संपूर्ण भारत से अनेकों संस्थाओं ने उनका सम्मान किया है।
✍️जिसमें मुख्य रूप से सन् 2006 मै राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, डाॅ राधाकृष्णन सम्मान, महामहिम राष्ट्रपति जी एपीजे अब्दुल कलाम साहब के द्वारा।
✍️मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सम्मानीय श्री शिवराज सिंह जी द्वारा राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान।
✍️पूर्वाेत्तर हिंदी अकादमी शिलांग मेघालय द्वारा, डाॅ महाराज कृष्ण जैन स्मृति साहित्य सेवा सम्मान वर्ष 2013।
✍️पूर्वाेत्तर हिंदी साहित्य शिलांग मेघालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन में कविता वाचन में सम्मान।
✍️अखिल भारतीय दलित साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा डाॅक्टर अंबेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान वर्ष 2010।
✍️ लोक शिक्षण संचनालय मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा सम्मान।
✍️सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र नई दिल्ली के द्वारा सम्मान।
✍️आर्य लेखक परिषद अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मेलन में सन 2016 में सम्मान।
✍️गुगनराम एजुकेशन सोसायटी अजमेर साहित्य सम्मान।
✍️श्रीमती प्यारी देवी घासीराम साहित्य सम्मान भिवानी हरियाणा सन 2003।
✍️आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी भोपाल सेवा सम्मान वर्ष 2018।
✍️गणतंत्र दिवस पर नगर परिषद बरेली के द्वारा सम्मान।
✍️मध्यप्रदेश मंसूरी समाज संगठन के द्वारा सम्मान 2002।
✍️शब्द प्रवाह अखिल भारतीय साहित्य सम्मान सन 2001।
✍️जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान 2010 जिला रायसेन।
✍️शिव संकल्प साहित्य परिषद नर्मदापुरम व्यंग वैभव सम्मान।
✍️साहित्य संगम तिरोड़ी बालाघाट कबीर सम्मान 2016।
✍️साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग से सम्मान।
✍️अंतरराष्ट्रीय गायत्री परिवार प्रशस्ति पत्र 1997 बरेली के द्वारा सम्मान।
✍️बरेली जिला बनाओ अभियान समिति के द्वारा साहित्यिक गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मान।
✍️भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा हरिद्वार द्वारा सम्मान।
✍️तत्कालीन विधायक भगवत सिंह जी पटेल पूर्व विधायक द्वारा सम्मान।
✍️नगर पंचायत बरेली द्वारा साहित्य सम्मान।
✍️प्रतिभा संगम विशुद्ध साहित्य काव्य गिरी अलंकरण से सम्मानित इत्यादि।
✍️अखिल भारतीय कवि सम्मेलन स्वर्गीय लल्लू लाल जाडीया की स्मृति में सम्मान वर्ष 2015 एवं अनेकों राजकीय, जिला स्तरीय, क्षेत्रीय संस्थाओं के द्वारा सम्मान प्राप्त हुए हैं।
यह रहा गज्जे भैया का रचना संसार
कवि गज्जे भैया के पांच कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसमें प्रमुख रुप से
✍️बुंदेली कविताओं का संग्रह ‘सैया को बुलौआ थाने में’
✍️हाइकु विधा संग्रह “बिखरे सुमन”
✍️दोहा संग्रह “दोहों के बीच गज्जे”
✍️अलंकारों पर केंद्रित दोहा संग्रह “यमक दमक”
✍️हास्य की गजलें ‘हमे वोट दो’
✍️श्री चित्रगुप्त भगवान चालीसा
प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके साथ ही आप के देहावसान के बाद कुछ काव्य संग्रह प्रकाशाधीन है। इनकी सूची है—
✍️तन उजला मन काला
✍️लख यह भव डमरू छंद और
✍️पिरामिड कविताएं
यह भी करते रहे गज्जे भैया
कवि गज्जे भैया आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं भारत की विभिन्न टेलीविजन चैनलों के माध्यम से अखिल भारतीय काव्य मंचों से कविता पाठ करते रहे। समाचार पत्र एवं पत्रिका हेतु स्वतंत्र लेखन करते रहे। शैक्षणिक गतिविधियों के अंतर्गत शाला त्यागी बच्चों के उनके अभिभावकों से संपर्क स्थापित कर आगे की पढ़ाई हेतु प्रोत्साहित करते रहे। समिति के माध्यम से नवोदय साहित्यकारों, कवि, कवित्रीयों की प्रतिभा के विकास हेतु प्रयत्नशील रहे, इनके लिए मंच प्रदान कर अपनी कविताओं के प्रस्तुतीकरण के लिए तैयार किया। वृक्षारोपण के साथ लगाए गए वृक्षों के रखरखाव की व्यवस्था भी की, स्वच्छता अभियान के संदेश से भी उन्होंने काफी लोगों को जोड़ा। मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित निवाड़ महोत्सव, ओरछा महोत्सव, सांची महोत्सव, खजुराहो महोत्सव, वारना महोत्सव, भोजपुर महोत्सव एवं अन्य कार्यक्रमों में बुंदेली कविता पाठ हेतु भागीदारी रही जिसमें बुंदेली रचनाओं हेतु स्वर्गीय गज्जे भैया हमेषा स्मरणीय रहेगें। साहित्य संवर्धन योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों से हटकर ग्रामीण क्षेत्रों में साहित्य के आयोजन कवि सम्मेलन, काव्य गोष्ठी कर नवोदित साहित्यकारों की प्रतिभाओं को निखारने एवं उन्हें काव्य प्रसार हेतु मंच प्रदान किया, नगर के आसपास जुड़े सभी गांव में कवि सम्मेलन एवंअन्य साहित्य कार्यक्रम का आयोजन करते रहे, प्रतिवर्ष समिति के सहयोग से ऐसे छात्र जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है उन्हें मासिक छात्रवृत्ति के माध्यम से पाठन पठन हेतु सहायता प्रदान की। नर्मदा जल शुद्धिकरण अभियान समिति के द्वारा चलाया गया जिसके अंतर्गत नगर के आसपास के नर्मदा तटों की साफ-सफाई का कार्यक्रम किया जाता है, नर्मदा किनारे वृक्षारोपण कार्यक्रम कर पर्यावरण सुधार हेतु कार्य किया । बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत बेटियों पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजन कराना, जैसे कवियत्री सम्मेलन, महिला सम्मान, इत्यादि साहित्य कार्यक्रम के आयोजन से नगर की छुपी हुई एवं क्षेत्र की छुपी हुई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिला, नवोदित रचनाकारों को मंच मिलने के कारण आज बहुत से कभी अखिल भारतीय मंच पर स्थापित हो चुके हैं। जिन्होंने अपने काव्य की शुरुआत स्व गज्जे भैया के कवि सम्मेलन के मंच से की है, शैक्षणिक क्षेत्र में लगभग 35 वर्ष अपनी सेवाएं प्रदान की आपके द्वारा पढ़ाए गए छात्र, छात्रा उच्च पदों पर स्थापित हैं । और कई छात्र विदेशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लगभग 50 वर्ष साहित्य साधना करते हुए 14 मई 2021 को कोरोना आपदा के कारण आपका देहावसान हो गया, अंतिम समय तक या यूं कहें कि अस्पताल में भी आपका काव्य लेखन संचालित रहा। आज शिक्षक दिवस पर श्री प्रभुदयाल खरे ‘गज्जे भैया’ को सभी क्षेत्रवासी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
(लेखक स्व श्री गज्जे भैया के सुपुत्र हैं।)