मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल: भाजपा नेतृत्व ने समझा माजरा

MP Minister Narendra Shivaji Patel: विरोधियों के व्यूह को फिर भेदा नरेंद्र शिवाजी पटेल ने: विरोधियों के हिस्से में आई फिर एक बार बडी मात: समझे गए षडयंत्र के कारण

—याज्ञवल्क्य
भोपाल। बेटे अभिज्ञान पटेल से जुडे विवाद के बहाने प्रदेश सरकार के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के विरुद्ध चक्रव्यूह रचने वाले उनके राजनीतिक विरोधियों के हिस्से में फिर एक बार बडी मात आई है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने संचार माध्यमो के दुराग्रहपूर्ण रवैए के पीछे का माजरा समझा है और समझा जा रहा है कि पटेल को भाजपा की रीति—नीति के अनुरूप बिना विरोध की परवाह किए यथावत पूरी सक्रियता के साथ काम करते रहने को कहा गया है।

भाजपा शीर्ष नेतृत्व से जुडे सूत्रों की मानें तो तात्कालिक हंगामे के बाद संपूर्ण मामले पर गंभीरता से विचार—विमर्श किया गया। कई स्रोतों से जानकारी जुटाने के बाद निष्कर्ष इस तरह सामने आया कि मंत्री पुत्र अभिज्ञान पटेल को जिस तरह गुंडा और शराबी के रूप में संचार माध्यमों ने बिना किसी पडताल के प्रचारित किया, इसके पीछे राजनीतिक षडयंत्र की बात कोई भी समझ सकता है। इसके साथ ही मंत्री पुत्र के साथ अमानवीय व्यवहार करने वालों की विवादास्पद पृष्ठभूमि को भी अनदेखा किया गया। इसी तरह मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का थाने पहुंचना और विधि विरुद्ध कृत्य के लिए पुलिस को फटकार लगाना पद का रौब नहीं, बल्कि अनुचित कार्यवाही के प्रतिकार का किसी भी नागरिक को प्राप्त अधिकार का उपयोग है।

समझे गए षडयंत्र के कारण
सूत्रों का कहना है कि मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के पारदर्शी, निष्पक्ष और निष्कलंक सुदीर्घ सार्वजनिक जीवन ने उनके कई राजनीतिक विरोधी पैदा किए हैं। विधानसभा चुनाव का टिकिट, चुनाव में ऐतिहासिक जीत और इसके बाद मंत्री बनना ईर्ष्या को और अधिक बढाता रहा है। मंत्री बनने के बाद पटेल का समभाव उन लोगों के लिए अखरता रहा है, जो सत्ता की आड में अवैध कृत्यों से कमाई में लगे रहते थे। आकस्मिक निरीक्षण और एक जन नेता की तरह सीधे कार्यवाही की उनकी अनूठी शैली ने अवैध काम करने वालों में भय और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को कई गुना बढाया है। गंभीर विचार—विमर्श के बाद इन षडयंत्रकारियों के बहुत सारे चेहरे भी स्पष्ट होने के संकेत मिले हैं।
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