मप्र: चुनाव से पहले रामपाल सिंह को क्यों बनाया अंत्योदय समिति अध्यक्ष!

Rampal Singh: निकाले जा रहे कई अर्थ: लगाए जा रहे कयास

—याज्ञवल्क्य
भोपाल। सोमवार की शाम प्रदेश के राजनीतिक हलकों में चर्चाओं के बाजार गर्म करने वाली थी। यह चर्चाएं आज मंगलवार को भी भोपाल और वर्तमान विधायक तथा पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के गृह जिले रायसेन में जमकर चल रही हैं। प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता रामपाल सिंह को चुनाव से ठीक पहले राज्य स्तरीय दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

दरअसल, सभी को यह पता है कि प्रदेश में आगामी कुछ महीने में ही विधानसभा चुनाव होना है। यह भी तय माना जा रहा है कि महीने—दो महीने में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इस तरह महीने—दो महीने के लिए प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता को झुनझुना पकडाने के लोग तरह—तरह के अर्थ निकाल रहे हैं। पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है। इसके बावजूद रायसेन जिले के सिलवानी विधानसभा से चुने गए इस वरिष्ठ नेता को शिवराज—सरकार के इस कार्यकाल में मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया था। रामपाल सिंह प्रदेश के संभवत: एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं, जो स्वयं लोकसभा और पत्नी विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं थीं।

निपुण नेता
विधायक रामपाल सिंह प्रदेश के निपुण नेताओं में गिने जाते हैं। प्रदेश में उनका चेहरा जाना—माना है। वे रायसेन, विदिशा, नरसिंहपुर और होगंशाबाद सहित सीहोर व अन्य जिलों में भी अच्छी पैठ रखते हैं। कई विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही होशंगाबाद और विदिशा संसदीय क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों को जिताने में उनकी अहम भूमिका रहती है। समय—समय पर भाजपा संगठन उन्हे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपता रहा है, जिन्हे वे बखूबी निभाते भी रहे हैं।

विधानसभा चुनाव से संबंध
एक बडे नेता को विधानसभा चुनाव से पहले कुछ समय के लिए राज्य स्तरीय दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम समिति का अध्यक्ष बनाया जाने के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं और कई कयास लगाए जा रहे हैं। लोग इसका सीधा संबंध विधानसभा चुनाव से जोड रहे हैं। कहना न होगा कि इसकी नकारात्मक और सकारात्मक दोनो तरह से व्याख्या की जा रही है।