मां शैलपुत्री
वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
अर्थात् मैं मनोवांछित लाभ के लिये अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करने वाली, वृष पर सवार रहने वाली, शूलधारिणी और यशस्विनी मां शैलपुत्री की वंदना करता हूं।…
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