स्वदेशी जागरण मंच— भारतीय पटाखों पर रोक नहीं लगनी चाहिए
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच (जेएसएम) ने शनिवार को कहा कि मुख्य तौर पर चीन से अवैध रूप से आयात किए गए पटाखों से ही प्रदूषण फैलता है। मंच ने राज्य सरकारों से भारत में बने ‘कम प्रदूषण वाले’ ग्रीन पटाखों पर पाबंदी लगाने से बचने की अपील की।
एसजेएम के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि करीब दस लाख लोगों की आजीविका पटाखा उद्योग पर निर्भर करती है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘सालभर ये लोग अपने पटाखे बिकने का इंतजार करते हैं। ऐसी स्थिति में देश में बने ग्रीन पटाखों, जो कम प्रदूषण फैलाने वाले हैं, पर पाबंदी लगाना सही नहीं है।’ उन्होंने कहा कि कुछ समय से बिना किसी तथ्यात्मक सूचना के राज्य सरकारें दिवाली पर सभी प्रकार के पटाखों पर पाबंदी जैसे कदम उठा रही हैं जो बिल्कुल गलत है।
‘चीन से आ रहे अवैध पटाखों से फैलता है प्रदूषण’
उन्होंने कहा, ‘यह समझने की बात है कि अबतक पटाखों से फैलने वाला प्रदूषण मुख्य तौर पर चीन से अवैध रूप से आयात किए जाने वाले पटाखों के कारण है।’ महाजन ने कहा कि ऐसे में स्वदेशी जागरण मंच दिल्ली, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और अन्य राज्य सरकारों से पटाखों पर से प्रतिबंध हटाने का अनुरोध करता है।
केंद्र सरकार से अपील
उन्होंने कहा कि मंच ने केंद्र सरकार से ग्रीन पटाखों के असल प्रदूषण प्रभावों के बारे में राष्ट्रीय हरित अधिकरण को अवगत कराने की भी अपील की है। कई राज्य सराकरों ने बढ़ते वायु प्रदूषण और कोविड-19 महामारी के कारण पटाखों पर रोक लगा दी है।