रायसेन— बरेली की बारना की रेत के अवैध उत्खनन से उबाल
रायसेन। जिले के बरेली नगर के निवासी अपने नगर की पहचान बारना नदी में प्रतिबंध के बावजूद ठेकेदार द्वारा भारी मशीनों से रेत का उत्खनन कराए जाने से उद्वेलित हैं। लोग अपना दर्द और गुस्सा जमकर जता रहे हैं और भावनाएं उबाल पर हैं।
नगर के लोगों ने ‘शुभ चौपाल’ को बताया कि बारना नदी बरेली नगर की पहचान है। जबलपुर— जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर इस नदी पर पुल बना हुआ है। इस नदी में बारिश के दिनो में रेत आती है, जो किनारों पर एकत्रित हो जाती है। बारिश के बाद स्थानीय लोग अपने घरेलू कामों में इस रेत को अपनी बारना की मानकर उपयोग करते हैं। इस बार इस रेत पर एक ठेकेदार ब्रजगोपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी की नजर लगी हुई है। दो— तीन दिन से ठेकेदार भारी मशीनों से इसका अवैध रूप से उत्खनन करा रहा है, जबकि प्रदेश में रेत उत्खनन में मशीनों का उपयोग प्रतिबंधित है। लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि ठेकेदार को किस स्तर से इसकी अनुमति दी गई है?
सामाजिक कार्यकर्ता चौधरी भूपेंद्र सिंह ने ‘शुभ चौपाल’ से कहा कि बारना बरेली के दिल से जुडी है। नगर के लोग अपनी निजी जरूरत के लिए इसका दोहन करते रहते हैं, लेकिन ठेकेदार शोषण में जुटा हुआ है। इससे मामूली जरूरतों के लिए लोगों को रेत की परेशानी होगी। इस मामले में सक्रिय स्थानीय पत्रकार यशवंत राय का कहना है कि ठेकेदार को बारना की रेत के अवैध उत्खनन का अवसर देना सांठगांठ का नतीजा है। इस पर स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। नगर के लोगों ने तत्काल प्रभाव से ठेकेदार द्वारा रेत निकाले जाने पर रोक की मांग की है।