कोरोना ‘ओमिक्रॉन’ का खतरा—गृह मंत्रालय ने लिए महत्वपूर्ण फैसले:मप्र सरकार सतर्क
नई दिल्ली। दुनियाभर में महामारी के डेल्टा वैरिएंट के बाद अब एक और वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ का आतंक बना हुआ है। माना जा रहा है कि यह देश में इस महामारी की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। इस संभावित खतरे को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से रविवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई और कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर गृह सचिव की अध्यक्षता में इससे बचने के लिए सुरक्षा मानकों को बढ़ाने पर चर्चा की गई। बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक उड़ानों को फिर से शुरू करने की तारीख की समीक्षा की जाएगी।
मंत्रालय ने बताया कि सरकार विदेशी से आने वाले यात्रियों की जांच और निगरानी की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की समीक्षा भी करेगी। इसके साथ ही उन विदेशी यात्रियों पर खास तौर पर नजर रखी जाएगी जो खतरे की श्रेणी वाले देशों से आ रहे हैं। गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि कोरोना वायरस के वैरिएंट के लिए जीनोमिक सर्विलांस को और मजबूत करने व बड़े स्तर पर आयोजित करने की जरूरत है।
बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन, स्वास्थ्य-नागरिक उड्डयन और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न विशेषज्ञ शामिल हुए।
राज्यों के लिए जारी किए दिशानिर्देश
ओमिक्रॉन वैरिएंट के संभावित खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए कुछ मानक सूचीबद्ध किए हैं और इनका सख्ती से पालन करने को कहा है। केंद्र ने कहा कि कंटेनमेंट व सक्रिय निगरानी पर ध्यान दें। जांच की गति बढ़ाई जाए और हॉटस्पॉट्स पर लगातार नजर रखी जाए। टीकाकरण तेज करने और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भी कहा गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने ये मानक जारी करते हुए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर सक्रिय निगरानी, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नमूनों को सही तरीके और समय से भेजने के साथ कोरोना अनुरूप व्यवहार का प्रभावी रूप से पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया। भूषण ने कहा कि खतरे वाले और अन्य सभी देशों से आने वाले यात्रियों की निगरानी के लिए डिसीज सर्विलांस नेटवर्क को तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के भीतर महामारी की उभरती स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
मप्र सरकार सतर्क
इधर, मध्य प्रदेश सरकार कोरोना की स्थिति को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है। रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाकर समीक्षा की। इसमें उन्होंने निर्णय किया कि सोमवार से स्कूल विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे यानी तीन दिन आधे और तीन दिन आधे बच्चे आएंगे। विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा का विकल्प भी दिया जाएगा। माता-पिता की सहमति से ही बच्चे स्कूल आएंगे। वहीं, विदेश से आने वाले यात्रियों पर न सिर्फ नजर रखी जाएगी बल्कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार जांच भी कराई जाएगी। तीसरी लहर न आ पाए, इसके लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।
पचास प्रतिशत क्षमता से स्कूल
कोरोना के नए वेरिएंट और प्रदेश में संक्रमितों की संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। इसमें स्कूलों को लेकर निर्णय लिया गया कि सोमवार से ये विद्यार्थियों की पचास प्रतिशत क्षमता के साथ ही संचालित होंगे। आनलाइन शिक्षा का विकल्प स्कूलों द्वारा बधाों को दिया जाएगा ताकि पढ़ाई का नुकसान न हो। स्कूलों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के सभी उपाय करने होंगे।
कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर उन्होंने कहा कि सावधानी जरूरी है क्योंकि यह बहुत तेजी से फैलता है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जन जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। मास्क लगाना अनिवार्य है। इसको लेकर रोको-टोको अभियान चलेगा। विदेशों से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाए। उनकी जांच कराई जाए और यदि आवश्यक हो तो आइसोलेशन में भी रखा जाएगा। सार्वजनिक कार्यक्रमों पर हम रोक नहीं लगा रहे हैं पर कोरोना की रोकथाम संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
लापरवाही न हो
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। प्रदेश में अभी 58 से 60 हजार टेस्ट हो रहे हैं। इनकी संख्या प्रतिदिन 70 हजार से संख्या कम न हो। जहां भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आते हैं, वहां विशेष तौर पर ध्यान दिया जाए। दिसंबर में कोविड वैक्सीन का दूसरा टीका शत-प्रतिशत पात्र व्यक्ति को लग जाए। एक दिसंबर को टीकाकरण का महाअभियान होगा।
अभी तक 62.5 प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को दूसरा टीका लगा है। 29 नवंबर को कलेक्टर, कमिश्नर, आइजी और पुलिस अधीक्षकों के साथ होने वाली वीडियो कांफ्रेंस में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर चर्चा की जाएगी। एक दिसंबर को आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों के सााथ बैठक होगी। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी उपस्थित थे।
भोपाल और इंदौर में आ रहे संक्रमण के प्रकरण
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि अभी भोपाल और इंदौर में ही प्रमुख रूप से कोरोना संक्रमण के प्रकरण आ रहे हैं। इनकी संख्या भी ऐसी नहीं है कि आज हमारे मन में डर पैदा करे लेकिन सावधानी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि हम कोरोना के नए वेरिएंट से चिंतित नहीं बल्कि सावधान जरूर हों। यही हमारी ड्यूटी है। सरकार आपके साथ मिलकर पूरी कोशिश करेगी कि तीसरी लहर न आ पाए।
यह दिए निर्देश
– मास्क और शारीरिक दूरी का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए।
– अस्पतालों में रेमडेसिविर सहित अन्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
– आक्सीजन की लाइन की जांच करने के साथ संयंत्रों को चलाकर भी देखें।
– जीनोम सिक्वेंसिंग (वायरस कैसा है और कैसा दिखता है) के सेम्पलों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
– केंद्र सरकार और डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए।
– जन जागरण अभियान में आमजन का सहयोग लिया जाए। लक्षण दिखें तो तत्काल जांच कराई
– सेंकड डोज टीके का 62.5 प्रतिशत लोगों को लग चुका है। एक दिसंबर को टीकाकरण का महाअभियान है।