बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दी शारीरिक परीक्षा आयोजित कराने की अनुमति
नई दिल्ली। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने विश्वविद्यालयों/ कानूनी शिक्षण केंद्रों को राज्य सरकार और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एनओसी के साथ शारीरिक परीक्षा आयोजित करने की अनुमति देने का फैसला किया है। हालांकि जब तक COVID-19 महामारी से छुटकारा नहीं पा लिया जाता है, तब तक ऐसे छात्रों को परीक्षा में नहीं शामिल होने का विकल्प दिया जा सकता है, जो असमर्थ हैं और/ या परीक्षा में उपस्थित होने के लिए तैयार नहीं हैं। शारीरिक परीक्षा में उपस्थित हुए छात्र, यदि इस प्रकार की परीक्षा को क्लियर नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें यूनिवर्सिटी/ कानून शिक्षा के केंद्रों के भौतिक रूप से पुनः खुलने के बाद रि-एपियर परीक्षा में उपस्थित होने का मौका दिया जा सकता है।
परिषद ने यह भी संकल्प लिया है कि अंतिम वर्ष के कानून के छात्रों / कक्षाओं के साथ-साथ सभी मध्यस्थ कक्षाओं के लिए परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जा सकती है, यदि विश्वविद्यालय / लॉ कॉलेज इसे ऑनलाइन आयोजित करने में सक्षम हैं, और यदि छात्रों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह भी संकल्प किया जाता है कि यदि ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाती है और कोई भी छात्र/छात्रा इसे देने में असमर्थ है/ या उसमें उपस्थित नहीं है, तो वह इस तरह की परीक्षा / विषय का पेपर उत्तीर्ण नहीं कर पा रहा है, ऐसे छात्र महामारी के बाद विश्वविद्यालय/ कॉलेज दोबारा खुलने के बाद एक महीने के भीतर जब भी पुनः परीक्षा देने के हकदार होंगे। परिषद ने दोहराया है कि महामारी से प्रभावित सभी छात्र जो अगले वर्ष / सेमेस्टर में पदोन्नत होते हैं, उनकी पदोन्नति प्रभावित हुए बिना, और जो उपस्थित होने में असमर्थ हैं / या वर्तमान में आयोजित ( महामारी के दौरान) ऑफ़लाइन/ ऑनलाइन परीक्षा और / या शारीरिक परीक्षा जो विश्वविद्यालयों / कॉलेजों के भौतिक रूप से दोबारा खुलेने के एक महीने के भीतर दोबारा आयोजित की जानी है, को क्लियर करने में असमर्थ हैं, उन्हें कानून की डिग्री प्रदान करने से पहले, अंतिम वर्ष की परीक्षा के तुरंत बाद, बिना किसी दंड या पूर्वाग्रह के, ऐसे पेपर को पास करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।