सालभर में दोगुना हो गया आलू, प्याज में भी उछाल, राहत के नहीं हैं आसार
नई दिल्ली। आलू और प्याज रसोई में खास अहमियत रखते हैं। इनके चझते भावों ने लोगों का घरेलू बजट गडबडा दिया है। सरकारी आंकड़ों को ही देखें तो खुदरा बाजार में आलू के दाम पिछले एक साल में 92 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गए हैं। प्याज की कीमतों में सालभर के भीतर 44 प्रतिशत का उछाल आया है। फिलहाल सब्जी के दामों में राहत के आसार भी नहीं दिखाई दे रहे।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकडे बता रहे हैं कि पिछले एक साल में गेहूं को छोड़कर सभी जरूरी खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हैं। इससे आमलोग तो परेशान हैं ही, नीति नियंताओं की परेशानी भी बढ़ गई है। विभाग के आंकडों के अनुसार सब्जियों, मांस-मछली और दालों के दाम खासतौर पर बढ़े हैं। बाजार में प्याज इतना महंगा हो गया है कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को लिमिट तय करनी पड़ गई। अगर आलू के दाम भी बढ़ते हैं तो सरकार उसकी स्टॉक लिमिट भी लागू कर सकती है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के अनुसार कई महीनों से महंगाई सहनशीलता के स्तर से ज्यादा रही है। समिति का मानना है कि जरूरी सप्लाई को लगे झटके धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था खुलने के साथ-साथ आने वाले महीनों में गायाब हो जाएंगे, सप्लाई चैन्स बहाल हो जाएंगी और गतिविधियां सामान्य हो जाएंगी। केंद्रीय बैंक के अनुसार टमाटर, प्याज और आलू जैसी मुख्य सब्जियों के दाम भी तीसरी तिमाही तक खरीफ की फसलें आने के साथ कम हो जाने चाहिए। दालों और खाद्य तेल के दाम आयात शुल्क में बढ़त की वजह से इसी तरह बने रहेंगे।