मध्यप्रदेश— रायसेन में कागजों पर चल रहा आजीविका मिशन

रायसेन। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रवर्तित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना— एनआरएलएम— विवादों में घिरी हुई है।

प्रदेश में इसका क्रियान्वयन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग करता है। इस विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश डीएवाय राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यरत है। रायसेन जिले में जिला और ब्लॉक प्रबंधन इय मिशन की गरीब परिवारों की आजीविका के लिए संचालित योजनाओं को कागजों पर संचालित करके वाहवाही लूटते रहते हैं। धरातल पर आंकलन करने से कुछ दूसरी ही तस्वीर सामने आ रही है।

‘शुभ चौपाल’ ने जिले की जनपद पंचायतों के गांवों में जब आजीविका मिशन से जुडी महिलाओं से बातचीत की तो मिशन में चल रही गडबडियां साफतौर पर सामने दिखाई दीं। बाडी विकासखंड के एक गांव में स्व सहायता समूहों को लाखों रुपए दिए गए हैं। जब इन महिलाओं से अलग— अलग उन्हे मिली राशि के बारे में पूछा तो उनके अलग— अलग जबाब थे। मिली हुई रकम का उन्होने क्या उपयोग किया है, इस सवाल के जबाब में महिलाओं ने बताया कि उन्होने तो ब्याज पर रुपए लिए हैं और किश्तों में लौटाना है। आधी रकम पहले से ही उनकी काट ली गई है। आजीविका मिशन के तहत संचालित कामो की तलाश में
‘शुभ चौपाल’ असफल रहा।

वास्तव में मिशन के तहत अधिकांश समूहों के काम केवल कागजों पर ही चल रहे हैं। गांवों के अन्य लोगों से बातचीत से भी यह स्पष्ट हुआ कि कामों के नाम पर समूहों ने रकम निकालकर प्रबंधन तथा समूहों की कर्ताधर्ताओं की सांठगांठ से गरीब महिलाओं को साहूकारी जैसी ब्याज दरों पर रकम दी गई है। जिले में मिशन के क्रियाकलाप संदेह के दायरे में बने हुए हैं। मिशन प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप भी लगे हैं, जिनकी जांच आवश्यक है। बताया गया है कि इस संबंध में राज्य और केंद्र सरकार को विस्तृत जानकारी देकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की जाएगी। .

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