मध्यप्रदेश— बार— बार बढ रहीं रेत खदान की नीलामी की तारीखें

भोपाल। होशंगाबाद सहित पांच जिलों की रेत खदानों की नीलामी एक महीने में तीन बार बढा दी गईं। बार— बार नीलामी की तारीखों के बढने को जानकार किसी ठेकेदार विशेष पर अनुग्रह के रूप में देख रहे हैं।

नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए ठेकेदारों ने 27 करोड़ रुपए से ज्यादा ईएमडी जमा कर दी, जिससे उन्हे प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। सरकार ने टेंडर की अंतिम तिथि दशहरे के दिन 26 अक्टूबर तय की थी। अवकाश के बाद इसे बढ़ाकर 29 अक्टूबर कर दिया गया। अब 29 अक्टूबर से भी आगे नीलामी की तारीख बढ़ाने के स्पष्ट संकेत मिले है। कुछ लोगों ने इससे सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा है कि ठेकेदार विशेष के इशारे पर यह हो रहा है।

प्रदेश में रेत खदानों की नीलामी काफी समय पहले हो चुकी हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि एक ठेकेदार विशेष की होशंगाबाद स्थित नर्मदा-तवा नदी की रेत की 118 खदानों पर नजर होने के कारण निर्णय नहीं हो पा रहा। होशंगाबाद सहित अशोकनगर, मंडला, उज्जैन, आगर-मालवा की रेत खदानों की नीलामी होना है। इनमें सबसे बेशकीमती खदानें होशंगाबाद की नर्मदा-तवा नदियों की हैं। खनिज विभाग के अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

हो रहा करोड़ों रुपए का नुकसान
समय पर टेंडर नहीं करने से सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने बार-बार तारीखें बदलकर 26 अक्टूबर तय की। इसे फाइनल मानकर कई बिडर ने ईएमडी जमा कर दी। ईएमडी की राशि 27.5 करोड़ रुपए से ज्यादा है। जिसका बैंक दरों पर प्रतिदिन ब्याज ही करीब लाख रुपए होता है। इससे सरकार और ठेकेदारों, दोनो को नुकसान हो रहा है।

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