विस्फोटक स्थिति में पाकिस्तान

—शुभ चौपाल— वर्ष—3, अंक—12, प्रकाशन तिथि—28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2020. —संपादकीय—

विस्फोटक स्थिति में पाकिस्तान

कहने को यह कहा जा सकता है कि पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति उसकी अपनी समस्या है, उससे हमे क्या लेना— देना। लेकिन हमारे सामने ठोस कारण हैं कि हम पाकिस्तान की आंतरिक स्थितियों पर पैनी दृष्टि रखें और तदनुरूप अपनी रणनीति तय करते रहें। भारत को अस्थिर करने में कोई कसर न छोडने वाला पाकिस्तान अब विस्फोटक स्थिति में है। स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख पाकिस्तान अपने देश का ध्यान बंटाने के लिए भारत से उलझने का प्रयास कर सकता है। इस बात के संकेत भी मिल रहे हैं।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पुलिस और सेनाके बीच टकराव के बाद हुए खूनी संघर्ष में पांच सैन्य अधिकारियों और दस पुलिसकर्मियों के हताहत होने से यहां की गंभीर स्थिति को समझा जा सकता है। वहां सेना और पुलिस में खूनी संघर्ष की लगातार सूचनाएं आ रही हैं। इस संघर्षमें मृतकों की संख्या अधिक हो सकती है। सेना और पुलिसके बीच मामला उस समय तूल पकड़ा जब 11 विपक्षी दलोंके गठबन्धन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेण्ट (पीडीएम) कराची में विशाल रैली की और इमरान सरकार तथा सेना पर जमकर निशाने साधे। स्थिति उस समय और बिगड़ गयी जब पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की बेटी और उनके पति की गिरफ्तारीके लिए दबाव बनाया गया और सिंध प्रांतके आईजीका अपहरण कर लिया गया। आईजीका अपहरण किये जाने से पुलिस और सेना आमने-सामने आ गयी और हिंसक झड़प हो गयी। मामला अब गम्भीर रूप लेता जा रहा है। पुलिस में विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो गयी है, जो पाकिस्तान के लिए अत्यंत चिंताजनक है। पुलिस और सेना के बीच टकराव में स्थानीय लोग पुलिस का साथ देते दिखाई दे रहे हैं। पाकिस्तान में कानून— व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। यहां अल्पसंख्यकों के उत्पीडऩकी बढ़ती घटनाएं, मानवाधिकारों का उल्लंघन और आतंकवादियोंकी सक्रियता ने स्थितियों को और अधिक बिगाडा है। यह इमरान सरकार के लिए खतरे की घंटी है। प्रधान मंत्री इमरान खान अपनी सरकार बचाने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। यही भारत की सतर्कता का विषय है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। भारत को पाकिस्तान की प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नजर अपने देश के हित में अनिवार्य है।

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