मध्यप्रदेश— सांची विधानसभा उपचुनाव में प्रभुराम को लेकर बनी हुई है संशय की स्थिति
सांची—रायसेन—। शिवराज— सिंधिया की जोडी के पूरे प्रयासों के बाद भी सांची विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और भाजपा प्रत्याशी डॉ प्रभुराम चौधरी को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। अभी तक का आंकलन उनके पक्ष में कोई मजबूत संकेत नहीं दे रहा है।
रायसेन जिले से दोनो सांसद भाजपा के हैं। चार विधानसभा क्षेत्रों में से दो से पूर्व मंत्री रामपाल सिंह और सुरेंद्र पटवा विधायक हैं। डॉ प्रभुराम चौधरी कमल नाथ सरकार में मंत्री थे और वर्तमान शिवराज सरकार में भी मंत्री हैं। जिले में सभी स्तरों के महत्वपूर्ण पदों पर भाजपा का कब्जा है। इसके बाद भी प्रभुराम को लेकर साफ तौर पर संशय की स्थिति बनी हुई है। वह भी तब, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कोई जाना— माना नाम नहीं है।
विरोध तगडा, सहयोग कमजोर
सांची विधानसभा क्षेत्र के गांवों से मिल रही सूचनाएं बता रही हैं कि कांग्रेस त्यागी डॉ प्रभुराम चौधरी का गांव— गांव के कांग्रेसी तगडा विरोध कर रहे हैं। इसके विपरीत भाजपाई निचले स्तर पर उन्हे अपना नहीं मान पा रहे हैं। दोनो दलों से अलग मतदाताओं का कहना है कि जब वे कांग्रेस में मंत्री थे, तब कांग्रेसी जनता की नहीं सुनकर कमाई में लगे थे। भाजपा में वे मंत्री हैं तो भाजपा के लोग भी यही कर रहे हैं।
बराबरी पर लाना चुनौती
भाजपा को सांची विधानसभा में अपने प्रत्याशी डॉ प्रभुराम चौधरी को अभी बराबरी पर लाना चुनौती बना हुआ है। वह भी तब, जबकि इस विधानसभा क्षेत्र में मैदानी स्तर पर कांग्रेस की अधिक मेहनत नहीं दिखाई दे रही।
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—शुभ चौपाल— वर्ष—3, अंक—12, प्रकाशन तिथि—28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2020.
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