मध्यप्रदेश— उपचुनाव के लिए भाजपा ने जारी किया संकल्प पत्र
भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए सरगर्मियां बढती जा रही हैं। भाजपा ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है। पार्टी के बड़े नेताओं ने विधानसभा स्तर पर अलग-अलग यह संकल्प पत्र जारी किए हैं। इस घोषणापत्र के मुख्य पेज पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का फोटो गायब होना ध्यान आकर्षित करता है। यह उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनो दलों और इनके शीर्ष नेताओं के लिए प्रतिष्ठापूर्ण हैं। इसलिए कोई कसर छोडता नहीं दिख रहा है।
भाजपा के 10 संकल्प
1.फसल बीमा योजना के साल 2018 और 2019 के 31 लाख किसानों के 6675 करोड़ रुपए जिसका भुगतान।
2.मध्य प्रदेश में किसानों को 0% ब्याज पर ऋण की योजना फिर से शुरू की है।
3.सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत लगभग 4517000 हितग्राहियों के खातों में 1988 करोड़ रुपए की पेंशन राशि जमा कराई गई।
4.संकल्प पत्र में प्रदेश के नागरिकों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया है।
5.विधानसभा उपचुनाव में किसानों की समस्या पर बीजेपी ने सर्वाधिक फोकस किया है। संकल्प पत्र में किसानों के लिए कई घोषणाएं की गई हैं।
6.प्रदेश के गरीब परिवारों में जन्म से लेकर मृत्यु तक उन्हें आर्थिक सहायता देने वाली पिछली भाजपा सरकार की संबल योजना जो कमलनाथ सरकार ने बंद कर दी थी वह शिवराज सरकार ने आते ही शुरू की।
7.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू की गई नई किसान सम्मान निधि में प्रदेश की ओर से ₹4000 जोड़कर इसे 10000 करने के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फैसले से प्रदेश के 7700000 किसानों को सीधा फायदा पहुंचा।
8.मध्य प्रदेश के राशन कार्ड वाले 3700000 गरीब परिवारों को खाद्यान्न पर्ची देकर नियमित राशन दिया जाना शुरू किया गया है।
9.चंबल के बीहड़ में 6000 करोड़ रुपए की लागत से 310 किलोमीटर लंबे चम्बल प्रोग्रेस-वे का निर्माण किए जाने का भी जिक्र संकल्प पत्र में किया गया है।
10.संकल्प पत्र में स्थानीय मुद्दों के विकास के लिए अलग से कॉलम बनाया गया है, जिसमें राज्य के विकास की रूपरेखा बताई गई है।
भाजपा ने राज्य के उन सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग संकल्प पत्र जारी किए हैं, जहां उप-चुनाव हो रहे है। इस संकल्प पत्र में जहां संबंधित विधानसभा के लिए संकल्प लिए गए हैं वहीं प्रदेश में सरकार द्वारा प्रस्तावित कार्यों का ब्यौरा दिया गया है। संकल्प पत्र के मुख्य पृष्ठ पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा की तस्वीर है, वहीं संबंधित क्षेत्र के उम्मीदवार की भी तस्वीर नजर आ रही है।
इस संकल्प पत्र में प्रदेशवासियों से भाजपा ने वादा किया है कि कोरोना वैक्सीन मुफ्त दी जाएगी, वहीं गेहूं और धान का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और पैसा सीधे बैंक खातों में भेजा जाएगा। ब्यौरा दिया गया है कि बीते छह माह में गेहूं और अन्य फसलों का उपार्जन कर लगभग 27 हजार करोड़ से अधिक की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी गई है।
भाजपा ने नारा दिया है वही भरोसा दुगुनी रफ्तार, भाजपा की शिवराज सरकार। संकल्प पत्र में फसल बीमा योजना, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर से कर्ज और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का ब्यौरा दिया गया है, वहीं निर्धन वर्ग के बच्चों और अन्य सभी वर्ग के बच्चों को दी जा रही छात्रवृत्ति का भी ब्यौरा दिया गया है। प्रदेश में गरीब परिवारों को जन्म से लेकर मृत्यु तक दी जाने वाली आर्थिक मदद का जिक्र किया गया है। इस संकल्प पत्र में कमल नाथ सरकार पर आरोप लगाया गया है कि उसने शिवराज सिंह सरकार द्वारा शुरू की गई गरीब हितैषी योजनाओं को बंद कर दिया था। भाजपा सरकार ने पंच परमेश्वर योजनाओं का क्रियान्वयन फिर प्रारंभ करने की बात कही है, वहीं पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए दिए जाने वाले भत्ते में भी बढ़ोतरी का जिक्र किया गया है।
भाजपा ने इस संकल्प पत्र में कहा है कि गरीबों को सस्ते दर पर भोजन देने की दीनदयाल रसोई योजना भी कमल नाथ सरकार ने बंद कर दी थी, उसे भी भाजपा सरकार ने फिर से प्रारंभ कर दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना को भी कमल नाथ सरकार ने बंद कर दिया था जिसे फिर से शुरू किया गया है। अब तक 17 लाख से अधिक आवास पूर्ण किए जा चुके हैं।
भाजपा ने अपने आगामी संकल्पों का ब्यौरा देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को शुरू की गई सम्मान निधि में प्रदेश की ओर से चार हजार रुपए जोड़ कर दिए जाएंगे। इस तरह किसानों को कुल 10 हजार रुपए साल में मिलेगा। इस योजना से 77 लाख किसान लाभान्वित होंगे। बिना राशन कार्ड वाले 37 लाख गरीब परिवारों को खाद्यान्न पर्ची देकर नियमित राशन दिया जाना प्रारंभ किया गया है। चंबल के बीहड़ इलाके में छह हजार करोड़ रुपए की लागत से अटल प्रोग्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश की पावन नदी नर्मदा, बेतवा, चंबल, पार्वती का जल उनके आसपास के क्षेत्रों में पेयजल के रूप में पहुंचाने की योजनाएं बनाई जाएंगी।