शुक्रवार 30 अक्टूबर को सबसे उजली पूर्णिमा
भोपाल। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा होती है। यह साल की सबसे उजली पूर्णिमा मानी जाती है और अगले पखवारे की अमावस यानि दीपावली की अमावस सबसे काली अमावस मानी जाती है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा शुक्रवार 30 अक्टूबर को है।
माना जाता है कि साल में केवल इसी पूर्णिमा को चंद्रमा सोलह कलाओं का होता है। इसे रास पूर्णिमा भी कहते हैं। मान्यता यह भी है कि इस दिन चंद्रमा से निकलने वाली किरणों से अमृत बरसता है। शरद पूर्णिमा को खीर बनाकर चंद्रमा के उजाले में रखने के बाद खीर खाई जाती है। के दिन खीर बनाई जाती है और रात को चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है। शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी पूजा भी की जाती है। इस दिन को कोजागरी पूर्णिमा या कोजागरी लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन ही मां लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी सभी के घर जाती हैं और उन पर कृपा बरसाती हैं। माना जाता है कि इस दिन अगर मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो व्यक्ति को उसके सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इसी के चलते इसे कर्ज मुक्ति पूर्णिमा भी कहते हैं।