मध्यप्रदेश— पीएम किसान सम्मान निधि योजना में भी हो गया फर्जीवाड़ा
भोपाल। ऐसा लगता है कि सरकारी योजनाओं में फर्जीवाडे में प्रदेश को महारत हासिल हो गई है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना में भी कुछ जिलों का फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। यहां फर्जी दस्तावेजों से पंजीयन कराकर योजना का लाभ ले लिया गया।
सामने आ रही जानकारी के अनुसार खंडवा जिले में अपात्रों ने कृषि भूमि नहीं होने के बावजूद स्वयं को किसान बताकर पंजीयन करा लिया और 2018-19 में छह-छह हजार रुपये की राशि ले ली। कई शासकीय सेवक और आयकर दाताओं ने भी लाभ ले लिया। खंडवा तहसील में ही करीब 2300 ऐसे पंजीयन सामने आए हैं, जो अपात्र पाए गए हैं। इनसे अब तक 25 लाख रुपए वसूले जा चुके हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी भनक लगी तो अपात्रों का डाटा समग्र आईडी के माध्यम से खंगाला गया।
इसी तरह रतलाम जिले में 15242 किसान अपात्र घोषित किए गए हैं, जबकि दो लाख 52 हजार 887 किसान पात्र हैं। अपात्रों में ऐसे लोग भी हैं जो सरकारी नौकरी के साथ खेती करते हैं और इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। झाबुआ जिले में 30 हजार किसानों के दस्तावेज की जांच में 30 हजार खाते ऐसे थे, जो अटक गए थे। वजह यह थी कि डुप्लीकेट आधार कार्ड किसानों ने लगा दिए। पुराने समय से कई किसानों के पास दो-दो आधार कार्ड बने हुए थे और उन्होंने अलग-अलग अपडेट कर दिए थे। इनकी जांच हो रही है। भू-अभिलेख के अधीक्षक सुनील कुमार राहणे के अनुसार जिले में एक लाख 33 हजार किसान पात्रता रख रहे थे, लेकिन तकनीकी त्रुटि से एक लाख 3 हजार किसानों के खाते में ही प्रथम किस्त जमा हो पाई। बड़वानी जिले में ऐसे 889 किसानों के खातों में राशि आ गई है, जो आयकर दाता हैं। अधीक्षक भू-अभिलेख मुकेश मालवीय ने बताया कि संबंधित तहसीलदारों के माध्यम से इन किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं। खरगोन जिले में 1 लाख 85 हजार किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है। 9 गांवों में सत्यापन करने पर 86 किसान अपात्र मिले हैं। इनसे 4 लाख 44 हजार रुपये की वसूली होगी। अन्य गांवों में सत्यापन कार्य की गति धीमी है।
संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस योजना में बडे स्तर पर फर्जीवाडा हुआ है। माना जा रहा है कि यदि सभी जिलों में सत्यापन होता है तो ऐसे मामलों की संख्या कई गुना बढ जाएगी।