इस्लामिक स्टेट का था बडे स्तर पर अराजकता फैलाने का षडयंत्र

नई दिल्ली। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की भारत में बडे स्तर पर अराजकता फैलाने का षडयंत्र था। इसके सदस्य भारत में कोरोना जिहाद, लोन वोल्फ अटैक, आरएसएस के नेताओं की हत्या कर दंगे भड़काना और एनेस्थीसिया का इंजेक्शन देकर बड़ी हस्तियों को मारने की तैयारी में थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के पांच आतंकियों के खिलाफ दायर चार्जशीट में यह आरोप लगाया है। चार्जशीट में कहा गया है कि पांचों आतंकी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों का इस्तेमाल मुस्लिमों को भड़काने के लिए किया था।

सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सितंबर माह में चार्जशीट दायर की है। इसमे कहा गया है कि जांच में यह स्थापित हुआ है कि आरोपी सादिया और एक डॉक्टर इशफाक के बीच कोरोना जिहाद को लेकर बातचीत हुई थी। दोनों ने महामारी का इस्तेमाल देश को बर्बाद करने को लेकर चर्चा की थी, जो उनकी देश विरोधी मानसिकता को दिखाता है। चार्जशीट में कश्मीरी जोड़े जहांजैब सामी और हिना बशीर बेग, हैदराबाद निवासी अब्दुल्ला बासित, पुणे निवासी सादिया अनवर शेख और नबील सिद्दिक खत्री को आरोपी बनाया गया है। एजेंसी ने कहा कि आरोपी भारत के खिलाफ जंग छेड़ने, परिष्कृत हथियार खरीदने के लिए फंड इकट्ठा करने, आईईडी तैयार करने के लिए विस्फोटक सामग्री जुटाने और आतंकी संगठन की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे।

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