छत्तीसगढ़— युवक को थप्पड़ मारने वाले कलेक्टर का तबादला

रायपुर। एक कलेक्टर द्वारा एक युवक को थप्पड मारने की घटना के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंभीरता से लिया है। उन्होने कलेक्टर रणबीर शर्मा का तत्काल प्रभाव से तबादला किए जाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने युवक के साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए उनसे और उनके परिजनों से खेद भी ज़ाहिर किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रणबीर शर्मा को हटाकर गौरव कुमार सिंह को सूरजपूर का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। रणबीर शर्मा को सूरजपुर से तत्काल प्रभाव से तबादला करते हुए मंत्रालय में संयुक्त सचिव(प्रतीक्षारत) के पद पर भेजा गया है।

भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बताया, “सोशल मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है। यह बेहद दुखद और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट मे लिखा, “किसी भी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। इस घटना से क्षुब्ध हूँ। मैं नवयुवक व उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूँ।”

घटनाक्रम यह है कि सूरजपुर ज़िले के कलेक्टर रणबीर शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें वो लॉकडाउन के नियम तोड़ने के आरोप मे एक युवक का मोबाइल ज़मीन पर पटककर फेंकते और उसे थप्पड़ मारते नज़र आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों के विरोध के बाद उन्होंने इसके लिए माफ़ी भी माँगी थी। उन्होंने कहा था, ““मुझे अपने किये का पछतावा है और मैं अपने व्यवहार के लिए माफ़ी माँगता हूँ। मेरा आशय किसी का अपमान करना नहीं था।” कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा, “उसने (युवक) कहा कि वो वैक्सीन लगवाने जा रहा है, लेकिन उसके पास ज़रूरी काग़ज़ात नहीं थे। उन्होंने जो पर्ची दिखाई, वो टीकाकरण से संबंधित नहीं थी।” ”बाद में उसने कहा कि वो अपनी दादी का हालचाल लेने जा रहा है। लेकिन जब वो बहस करने लगा, तो मैंने गुस्से में आकर उसे थप्पड़ मार दिया। उसकी उम्र 23-24 साल थी, 13-14 वर्ष नहीं।” कलेक्टर के माफ़ी माँगने के बावजूद लोग लगातार उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग कर रहे थे।
आईएएस एसोसिएशन ने भी एक ट्वीट कर इस पूरे घटनाक्रम की निंदा की है। ट्वीट में कहा गया है, “आईएएस एसोसिएशन सूरजपूर के कलेक्टर के बर्ताव की कड़ी निंदा करता है। यह अस्वीकार्य है। सिविल सर्वेंट्स को समाज के प्रति हमेशा सहानुभूति का भाव रखना चाहिए। ख़ासकर ऐसे मुश्किल वक़्त में।”

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