अब घर बैठे कर पाएंगे कोरोना टेस्ट, कोविड टेस्टिंग किट को मंजूरी

नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग कर घरेलू टेस्ट के लिए एडवाइजरी जारी की है। अब कोरोना टेस्टिंग के लिए होम बेस्ड टेस्टिंग किट को मंजूरी मिल गई है। एंटीजन की रिपोर्ट जहां तुरंत मिल जाती है, वहीं आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट 24 घंटे में आती है। होम बेस्ड टेस्टिंग किट से जांच में तेजी आएगी ही, साथ ही लोग घर बैठे ही कोरोना की जांच कर सकते हैं। इस किट के जरिये घर में ही नाक से कोरोना जांच के लिए सैंपल ले सकते हैं। अब आप घर पर ही 250 रुपए की कीमत वाले किट को खरीदकर 15 मिनट के भीतर कोविड रिजल्ट पा सकते हैं। इस किट में 5 से 7 मिनट में पॉजिटिव रिजल्ट का पता चल जाएगा और निगेटिव में यह 15 मिनट का समय लेगा। इसका प्रयोग कोरोना के हल्के लक्षण या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हुए लोग कर सकते हैं। होम बेस्ड टेस्टिंग किट से ज्यादा टेस्ट की सलाह नहीं दी गई है।

आइसीएमआर के अलावा डीसीजीआई ने भी होम बेस्ड टेस्टिंग किट की बाजार में बिक्री की मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह टेस्टिंग किट तुरंत बाजार में उपलब्ध नहीं होगी, इसे व्यापक रूप से उपलब्ध होने में कुछ समय लगेगा। ज्ञात हो कि आइसीएमआर के कोविड के लिए होम बेस्ड टेस्टिंग किट को मंजूरी देने के बाद अब कोरोना की जांच करना आसान होगी। फिलहाल भारत में केवल एक कंपनी को इसकी मंजूरी दी गई है, जिसका नाम मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड है।

होम टेस्टिंग मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर में उपलब्ध है। इसे सभी यूजर्स डाउनलोड कर सकते हैं। मोबाइल ऐप टेस्टिंग प्रक्रिया का एक व्यापक मार्गदर्शक है, जो पॉजिटिव या निगेटिव रिजल्ट प्रदान करेगा। इस ऐप का नाम माईलैब कोविससेल्फ (Mylab Covisself) नाम है।

अंधाधुंध टेस्ट नहीं करने की सलाह
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए घरों में अंधाधुंध रैपिड एंटीजेन टेस्ट (आरएटी) जांच नहीं करने की सलाह दी। संगठन ने कहा कि लैब से जिन लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई हो, उनके निकट संपर्क में आने वाले लोगों और जिनमें संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हों, सिर्फ उन्हीं लोगों की रैपिड किट से जांच की जानी चाहिए। आइसीएमआर ने कहा कि रैपिड एंटीजेन टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की दोबारा जांच कराने की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को संक्रमित ही माना जाएगा। लेकिन रैपिड टेस्ट में जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आती हो, उन्हें तत्काल आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि हल्का संक्रमण होने पर भी रैपिड टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है। ऐसे लोगों को संक्रमितों की संदिग्ध सूची में रखा जा सकता है। ऐसे लोगों को कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने और घरों में ही रहने की सलाह दी जाती है।

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