टीके के निर्यात पर नहीं रोक, दूसरे देशों को चरणबद्ध आपूर्ति

नई दिल्ली। देश में बढ़ते कोरोना मामलों की वजह से भारत ने कोविड-19 टीके के निर्यात पर रोक नहीं लगाई है बल्कि अब घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए कोरोना रोधी टीकों का निर्यात अब भारत चरणबद्ध तरीके से कर सकता है।

सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि अन्य देशों को टीकों की आपूर्ति में विलंब हो सकता है, क्योंकि अब घरेलू जरूरत को ध्यान में रखकर निर्यात होगा। दूसरी लहर के दौरान भारत में कोरोना मरीज तेजी से बढ़े हैं, जिसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि इससे पहले आई खबर में दावा किया गया था कि देश में टीकाकरण में तेजी लाने के लिए सरकार अब कोरोना वैक्सीन का एक्सपोर्ट नहीं करेगी। अब सूत्रों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार ने वैक्सीन के निर्यात पर कोई रोक नहीं लगाई है।

गौरतलब है कि देश में 16 जनवरी को टीकाकरण की शुरुआत के पांच दिनों के अंदर ही टीकों का निर्यात शुरू कर दिया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की कोवैक्स पहल के तहत भारत के प्रमुख टीका अपूर्तिकर्ता देश है।

घरेलू टीकाकरण कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करने और वैक्सीन निर्यात का विस्तार न करने के सरकार के फैसले को स्पष्ट करते हुए एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आने वाले हफ्तों और महीनों में अन्य देशों को चरणबद्ध आपूर्ति की जाएगी। भारत अब तक 6.5 करोड़ वैक्सीन की आपूर्ति कर चुका है और इस मामले में यह सबसे आगे है। सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने वैक्सीन निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।

देरी की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय टीका निर्माता से नौ करोड़ खुराक की आपूर्ति मिलने में विलंब की घोषणा की है। यह मध्यम आय वाले देशों को बड़ा झटका है, इससे इन देशों में टीकाकरण प्रभावित हो सकता है। टीका उपलब्ध कराने में सक्रिय संगठन गावी ने गुरुवार को कहा कि भारत में कोरोना के मामलों में तेजी आने के कारण यह विलंब हो सकता है। इससे वहां सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पर घरेलू मांग का दबाव बढ़ेगा। एसआईआई कोवैक्स कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण टीका निर्माता संस्थान है। गावी ने कहा कि इस कदम से सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाए जा रहे ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की चार करोड़ खुराक प्रभावित होगी, जो इस महीने कोवैक्स को आपूर्ति की जानी थी। साथ ही अगले महीने पांच करोड़ टीके मिलने की उम्मीद थी। गावी ने कहा कि इसने आपूर्ति हासिल करने वाले देशों को सूचित कर दिया है। गावी ने कहा कि 64 देशों को टीके की आपूर्ति के लिए संस्थान से संपर्क किया गया है और संयुक्त राष्ट्र समर्थित कार्यक्रम ने संभावित विलंब को लेकर सभी प्रभावित देशों को सूचित कर दिया है।

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