मध्यप्रदेश— मई के अंत तक वैक्सीन की कमी?

भोपाल। देश के अन्य प्रदेशों की तरह मध्यप्रदेश कोविड वैक्सीनेशन की कमी से जूझ रहा है। यहां सप्ताह में केवल चार दिन ही टीकाकरण हो रहा है। इसके बाद भी आंकड़े संकेत दे रहे हैं कि मई के अंत तक प्रदेश में वैक्सीन की कमी आ जाएगी। माना जा रहा है कि 19 मई के बाद केवल एक लाख लोगों को ही प्रतिदिन टीका लग पाएंगे। अभी प्रदेश सरकार के पास 10 लाख वैक्सीन की डोज है। इसमें कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सीन दोनों टीके शामिल हैं।

अभी प्रदेश में टीकाकरण के दो स्तर बने हुए हैं। पहले स्तर में 45 से ज्यादा उम्र वालों को और दूसरे स्तर में 18 से ज्यादा उम्र वालों को वैक्सीन लगनी है। इन दोनों स्तरों पर हर व्यक्ति को दो खुराकों में वैक्सीन दिया जाना है, लेकिन वैक्सीन की कमी इस काम में सबसे बड़ी बाधा है। प्रदेश में फिलहाल टीकाकरण के लिए दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं। पहली वैक्सीन कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सीन है। केंद्र सरकार से जो वैक्सीन की खेप मध्यप्रदेश को मिली है या मिलने वाली है वह 45 से ज्यादा उम्र वालों को लगेगी जबकि राज्य सरकार जो वैक्सीन खरीदेगी वह 18 से ज्यादा उम्र वालों को लगेगी। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि इस महीने (मई) के अंत तक मध्यप्रदेश वैक्सीन की कमी से जूझेगा।

बताया गया है कि टीके के डोज बेकार होने से बचाने के लिए अब वेटिंग और ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन के साथ वैक्सीनेशन होगा। आंकड़ों के अनुसार अभी भी 1.05 लाख हेल्थ वर्कर्स, 1.39 लाख फ्रंट लाइन वर्कर्स और 45 से अधिक उम्र के 52.63 लाख लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगनी बाकी है। सरकार की नई गाइडलाइंस के अनुसार यदि वैक्सीनेशन होता है, तब भी 45 से अधिक उम्र वालों को दूसरा डोज लगने में दो से तीन महीने लग जाएंगे।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश को 31 मई तक केंद्र सरकार से कोविशील्ड की 10.46 लाख और कोवैक्सीन की 3.49 लाख डोज मिलेगी। इसके अलावा राज्य सरकार केवल कोविशील्ड की 4.24 लाख डोज खरीदेगी। सीरम इंस्टीट्यूट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह मध्यप्रदेश को मई के अंत तक 9 लाख डोज दे सकती है, जिसके लिए उसे 23 करोड़ रुपये राज्य सरकार से मिल चुके हैं। सरकार ने सीरम इंस्टिट्यूट को 10 लाख डोज का ऑर्डर जून में दिया था

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