इजराइल— लगातार जारी है भयंकर हिंसक संघर्ष, कई लोगों की मौत, कई इमारतें जमींदोज
गाजा सिटी। इजराइल ने रविवार को गाजा सिटी में हवाई हमले में तीन इमारतों को गिरा दिया और हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए। इजराइल और हमास के बीच एक सप्ताह पहले शुरू हुए संघर्ष के दौरान एक दिन में यह सबसे भीषण हमला है। गाज़ा, वेस्ट बैंक और यरूशलम में सोमवार से जारी हिंसक संघर्ष में अब तक 145 से ज़्यादा फ़लस्तीनियों की मौत हो चुकी है जिनमें 41 बच्चे शामिल हैं। ये लोग इसराइली हवाई हमलों या फिर सैन्य कार्रवाइयों में मारे गए हैं। फ़लस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, एक हज़ार से ज़्यादा लोग अब तक घायल हो चुके हैं। मौजूदा संघर्ष को साल 2014 के बाद, सबसे ख़राब हिंसक संघर्ष बताया जा रहा है।
फ़लस्तीनी हथियारबंद समूह भी इसराइल पर हमले कर रहे हैं। बताया गया है कि हमास ने सोमवार से अब तक इसराइल की ओर कम से कम 2,300 रॉकेट दागे हैं जिनकी वजह से 10 इसराइली लोगों की मौत हुई है, जिनमें एक बच्चा और एक सैनिक शामिल हैं। रॉकेट हमलों में 560 से ज़्यादा इसराइली घायल हुए हैं। हालांकि, इसराइली एयर-डिफ़ेंस सिस्टम की बदौलत यह संख्या काफ़ी कम रही है क्योंकि वो सिस्टम हमास द्वारा छोड़े गये रॉकेटों को आसमान में ही नष्ट करने की क्षमता रखता है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमले में मारे गए लोगों में 10 महिलाएं और आठ बच्चे भी थे, जबकि 50 लोग घायल हो गए। इससे पहले इजराइली सेना ने कहा कि उसने दक्षिणी शहर खान यूनिस में अलग हवाई हमले में गाजा के शीर्ष हमास नेता याहिया सिनवार के आवास को जमींदोज कर दिया। हमास के वरिष्ठ नेताओं के घरों पर पिछले दो दिनों में यह तीसरा हमला है। वहीं, हमले के मद्देनजर हमास के कई नेता भूमिगत हो गए हैं।
इजराइल ने हमास को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए हालिया दिनों में हमले तेज कर दिए हैं। पूर्वी यरुशलम में इस महीने की शुरुआत में तनाव तब शुरू हुआ जब फलस्तीनियों ने शेख जर्रा में उन्हें निकाले जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया और इजराइली पुलिस ने अल-अक्सा मस्जिद में कार्रवाई की।
यह लड़ाई पिछले सोमवार को शुरू हुई जब यरुशलम को बचाने का दावा करने वाले हमास ने लंबी दूरी के रॉकेट दागे। संघर्ष अन्य जगहों पर भी फैल गया है। वेस्ट बैंक और इजराइल में भी कई जगहों पर यहूदी और अरब नागरिकों के बीच झड़पें हुई हैं। इस संघर्ष में गाजा में 52 बच्चे और 31 महिलाओं समेत 181 फलस्तीनी मारे गए हैं और 1225 लोग जख्मी हुए हैं। इजराइल में आठ लोगों की मौत हो गई जिनमें पांच साल का बच्चा भी है। इजराइली सेना ने रविवार को कहा कि उसने हमास के सबसे वरिष्ठ नेता येहियेह सिनवार के घर को निशाना बनाया है जो समूह के बाकी शीर्ष नेताओं के साथ संभवत: वहां छिपा था। इजराइल ने शनिवार को हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख नेता खलील अल-हायेह के घर पर बम गिराए।
हमास और इस्लामी जेहाद उग्रवादी समूह ने स्वीकार किया है कि सोमवार को संघर्ष शुरू होने के बाद से उसके 20 लड़ाके मारे गए हैं। मिस्र के एक राजनयिक ने कहा कि हमास के राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाने से संघर्ष विराम के प्रयासों पर असर पड़ेगा। हमास और अन्य उग्रवादी समूहों ने इजराइल पर करीब 2900 रॉकेट दागे हैं। वहीं, इजराइली सेना का कहा है कि 450 रॉकेट थोड़ी दूर जाकर ही गिर गए जबकि वायु सेना की प्रतिरक्षा प्रणाली ने 1150 रॉकेटों को गिरा दिया। इजराइल ने गाजा की तरफ सैकड़ों हवाई हमले किए हैं जहां करीब 20 लाख फलस्तीनी रहते हैं।
इजराइल ने गाजा सिटी की सबसे ऊंची इमारत को गिरा दिया। आरोप लगाया गया कि हमास की सेना से जुड़े दफ्तर थे। वहीं, शनिवार को बहुमंजिला इमारत को ध्वस्त कर दिया जिसमें ‘द असोसिएटेड प्रेस’, ‘अल-जज़ीरा’ और अन्य मीडिया संस्थानों के कार्यालय थे। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ”जब तक जरूरत पड़ेगी तब तक यह अभियान जारी रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि हमास की सैन्य खुफिया ईकाई इस इमारत में काम कर रही थी।” ‘एपी का कार्यालय इस इमारत में पिछले 15 वर्षों से था यानी कि इजराइल और हमास के बीच पहले के तीन युद्धों के दौरान भी उसने इसी इमारत से काम किया लेकिन कभी उसे सीधे निशाना नहीं बनाया गया।
मीडिया संस्थानों के कार्यालय जिस इमारत में थे उस पर दोपहर को हुए हमले से पहले इजराइली सेना ने इमारत के मलिक को फोन कर इसे निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी थी। इसके बाद ‘एपी के कर्मचारी एवं अन्य लोगों ने तत्काल इमारत को खाली किया। एपी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गैरी प्रुइट ने एक बयान में कहा, ”आज जो भी हुआ, उसके कारण गाजा में जो भी हो रहा है उसके बारे में दुनिया ज्यादा नहीं जान पाएगी।” उन्होंने कहा कि अमेरिकी समाचार एजेंसी इजराइली सरकार से जानकारी ले रही है तथा इसके बारे में और अधिक जानने के लिए अमेरिका के विदेश विभाग के साथ बातचीत कर रही है। समाचार चैनल ‘अल-जज़ीरा’ ने बताया कि “अल-जला नाम की इस बिल्डिंग में, जहाँ कई दफ़्तर थे और बहुत से लोगों के घर भी थे, उसे खाली करने के लिए इसराइली फ़ौज से सिर्फ़ एक घंटे का समय दिया। फ़ोन के ज़रिए इसकी सूचना दी गई थी। जब हमने कहा कि हमें थोड़ा और समय दिया जाए, तो उन्होंने कहा कि वो इस बारे में कुछ नहीं कर सकते।”
इधर, इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी ने रविवार को हुई आपात बैठक में फ़लस्तीनियों पर हमलों के लिए इसराइल की आलोचना की। बैठक के बाद एक बयान जारी कर ओआईसी ने चेतावनी दी कि धार्मिक संवेदनाओं को भड़काने की जानबूझकर की जा रही कोशिशों, फ़लस्तीनी लोगों और इस्लामिक दुनिया की भावनाओं को भड़काने की इसराइल की कोशिशों के भयानक परिणाम होंगे। रविवार को हुई इस वर्चुअल बैठक के बाद ओआईसी ने बयान जारी कर कहा है कि वो इसराइल द्वारा फ़लस्तीनी इलाकों के कब्ज़े और वहां भेदभाव वाली व्यवस्था लागू करने का विरोध करता है। ओआईसी की बैठक में इसराइल के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय क़ानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
इधर, संघर्ष विराम की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों को ख़ारिज करते हुए रविवार को टीवी पर संबोधन के दौरान इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, “आतंकी संगठनों के ख़िलाफ़ हमारा अभियान पूरी ताक़त से जारी रहेगा. हम अभी कार्रवाई कर रहे हैं और तब तक करेंगे जब तक कि ज़रूरत है और आपके लिए इसराइल के नागरिकों के लिए शांति स्थापित न हो जाए। यह समय लेगा।” नेतन्याहू ने कहा कि इसराइल ‘आक्रमणकारी’ से सटीक दाम लेना और उन्हें नाकाम करना चाहता है। उन्होंने इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में यह बातें कहीं जो कि कई घंटों तक चली।