इजरायल – कुछ शहरों में भड़के दंगे, गाजा में 83 की मौत

गाजा। इजरायल और फलस्तीन के बीच जंग कूटनीतिक प्रयासों के बाद भी तेज हो रही है। हमास और इजरायल के बीच राकेट और हवाई हमले बढ़ गए हैं। गाजा इजरायल के कुछ शहरों में यहूदी और अरबी मूल के लोगों के बीच दंगे शुरू हो गए हैं।

रॉकेट हमलों में गाजा में मरने वालों की संख्या 83 से भी ज्यादा हो गई है। इजरायल में पांच वर्ष के बच्चे सहित सात लोगों की मौत हो गई। इजरायल ने गाजा पर ताजा हवाई हमलों में फिर एक छह मंजिला इमारत को ढहा दिया। इस इमारत से हमास की गतिविधियां संचालित हो रही थीं। यहां के लोगों को कोरोना के संकट के बीच इजरायल के हमलों का डर सता रहा है। यही हालत इजरायल की है। यहां भी नागरिक स्थल हमास के रॉकेटों का शिकार हो रहे हैं।

इजरायल के कुछ शहरों में 21 फीसद आबादी अरबी मूल के लोगों की है। इन शहरों में अब दंगे शुरू हो गए हैं। मिश्रित आबादी वाले शहर लॉड में एक अरबी युवक की गोली मारकर हत्या के बाद दंगा भड़क गया। शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया और 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लॉड के अलावा यरुशलम, तेल अवीव के उपनगर बैट याम में भी हिंसा भड़क गई है। इन स्थानों पर आगजनी और तोड़फोड़ भी की गई।

पुलिस के अनुसार पूरे देश में हुए दंगों में चार सौ से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं। 12 पुलिस अफसर भी घायल हुए हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लॉड और एक्रे शहर की स्थिति का जायजा लिया।इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बंद किया: फलस्तीन से युद्ध में लगातार हमास के रॉकेट दागे जाने के बाद सुरक्षा कारणों से तेल अवीव का अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है।

न्याय मिलने पर ही युद्धविराम
गाजा पट्टी से इजरायल पर रॉकेट से हमला करने वाले चरमपंथी हमास ने कहा है कि यरुशलम में अल अक्सा मस्जिद, शेख जर्राह में न्याय न मिलने तक हमले जारी रहेंगे। इजरायल यहां पर अतिक्रमण करना बंद करे। मिस्त्र के प्रतिनिधिमंडल ने तेल अवीव जाकर इजरायल से युद्ध विराम करने के लिए वार्ता की। यही दल बाद में हमास पहुंचा।

अमेरिका ने की इजरायल और हमास से वार्ता
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस मामले में पहली बार इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से वार्ता की। उन्होंने कहा कि इजरायल का अधिकार है कि वह उसके देश में हो रहे रॉकेट हमलों का जवाब दे।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने फलस्तीन राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की। उन्होंने वार्ता में रॉकेट हमलों की निंदा की और संघर्ष को रोकने के लिए कहा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी युद्ध विराम करने की अपील की है।

क्या है विवाद का कारण
ये एक ऐसा विवाद है, जो बीच— बीच में गहराता रहा है। विवाद के मुद्दे कई पीढ़ियों पुराने हैं और एक— दूसरे के प्रति नफरत भी। यह भी तय है कि इस विवाद के चलते कोई भी पक्ष सुरक्षित नहीं है। पिछले 15 सालों में ये विवाद ग़ज़ा पट्टी और इसराइल को बांटने वाली एक तार के आसपास रहा है। इस बार यरुशलम और इसराइल के धार्मिक स्थल पर विवाद के कारण हिंसा भड़की है।
दरअसल, ईसाई, यहूदी और मुसलमान इस जगह को पवित्र मानते हैं। ये यहूदियों और मुसलमानों के धर्म की उत्पत्ति का भी स्थान है और इसलिए महत्वपूर्ण है। यहूदियों और मुसलमानों के लिए ये जगहें उनके राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा भी हैं। ये दोनो स्थान एक— दूसरे के पास हैं। ‘द चर्च ऑफ़ द होली सेपल्कर’ भी इसराइली चेकपॉइंट के दूसरी तरफ है जिसमें फ़लस्तीनी ईसाईयों की आस्था है।

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