फ्रंटलाइन वर्कर(कोरोना वारियर्स) घोषित करने सौंपा ज्ञापन
तुलसी धाकड, देवेश ठाकुर’जीसाब’
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बरेली— रायसेन। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा केवल अधिमान्य पत्रकारों को ही फ्रंटलाइन वर्कर(कोरोना वारियर्स) घोषित करने से प्रदेश के गैरअधिमान्य पत्रकारों में नाराजी है। प्रदेश में मैदानी स्तर पर काम करने वाले करीब अस्सी फीसदी पत्रकार किसी न किसी तकनीकी कारण से अधिमान्यता से वंचित बने हुए हैं। इस संबंध में प्रदेशभर में पत्रकारों द्वारा काली पट्टी बांधकर सौंपे जा रहे ज्ञापनों के क्रम में यहां भी सोमवार को पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम प्रमोद गुर्जर को सौंपा।
ज्ञापन में पत्रकारों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर(कोरोना वारियर्स) में शामिल करने के लिए धन्यवाद दिया है। उनका ध्यान इस ओर आकर्षित कराया गया है कि अधिमान्यता की शर्त ने ज़मीनी स्तर पर कार्यरत पत्रकारो को संकट में डाल दिया है। प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच कार्यरत अधिकतर पत्रकार अधिमान्यता प्राप्त नहीं हैं और न ही ये पत्रकार जनसंपर्क विभाग से हुए बीमा पालिसी में शामिल हैं। पत्रकारों ने ध्यान दिलाया है कि प्रदेश में मैदानी स्तर पर कार्यरत अधिकांश पत्रकार अधिमान्यता से वंचित हैं। ऐसे में अपनी जान हथेली पर रखकर काम करने वाले पत्रकार स्वयं को ठगा— सा महसूस कर रहे हैं। पत्रकारों ने मांग की है कि अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों के साथ ग़ैरअधिमान्य पत्रकारो को भी फ्रंटलाइन वर्कर(कोरोना वारियर्स) घोषित किया जाए। कोरोना के कारण केवल प्रतीकात्मक धरना देकर काली पट्टी बांधकर ज्ञापन देने वालों में राजीव तारण, यशवंत सराठे, मुकेश प्रजापति, राजीव तारण, जगदीश सिंह राजपूत, राजू विश्वकर्मा, सुरेश तिवारी, राकेश सोनी, रूपसिंह सिलावट, मनीष सिलावट और रूपेश मेहरा सहित अन्न्य पत्रकार शामिल थे।