रायसेन— थमे हैं कारोबार, अवैध कामों की तेज हुई रफ्तार

तुलसी धाकड, देवेश ठाकुर’जीसाब’
मो—6260074471
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रायसेन। कोरोना के संक्रमण को रोकने के प्रयासों के क्रम में देश और प्रदेश की तरह रायसेन जिले में भी पूर्णबंदी चल रही है। इससे सामान्य गतिविधियों को विराम लगा है और अधिकांश कारोबार थमे हुए हैं। इस माहौल का जिले के अवैध कामों में लगे लोग भरपूर लाभ उठा रहे हैं और ऐसे कामों की रफ्तार बहुत तेज हो गई है।

‘शुभ चौपाल’ द्वारा जिले में अवैध रूप से लेकिन सरेआम चल रहे तीन बडे कामों का जायजा लिया गया तो पता चला कि कोरोना कर्फ्यू ने इन कामों को जबर्दस्त उछाल दी है। इन कामों के बारे में सामने आईं जानकारियां इस प्रकार हैं—

कई गुना बढा रेत का अवैध कारोबार
नर्मदा की रेत जिले के बडे अवैध कारोबारों में शामिल है, जिसमें तमाम प्रभावशाली लोगों की प्रत्यक्ष— अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी है। ठेका निरस्त होने के बाद जिले के बाडी, बरेली, उदयपुरा और देवरी क्षेत्र के नर्मदा तटों से निर्बाध रूप से नर्मदा की अवैध रेत का उत्खनन और परिवहन चल रहा है।

गांव— गांव मिल रही शराब
जिले के नगरों और गांवों में इन दिनों दूध की व्यवस्था भले ही मुश्किल हो, लेकिन ठेके बंद होने के बाद भी शराब आसानी से मिल रही है। इस मौके का लाभ उठाते हुए अवैध शराब कारोबारी दोगुने और इससे भी अधिक कीमत पर शराब उपलब्ध करा रहे हैं।

उजड रही वन संपदा
कुख्यात औबेदुल्लागंज और रायसेन वन मंडलों के जंगलों का जायजा लेने पर यह बात सामने आई कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी घरों में दुबके हैं और खुले तौर पर पेडों की कटाई, वन संपदा का उत्खनन तथा ​वन्यप्राणियों के शिकार के साथ ही जंगलों को उजाडकर खेती के लिए तैयार किया जा रहा है।
—शुभ चौपाल, वर्ष—3, अंक—37

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