कोरोना के गहराते संकट पर सर्वोच्च न्यायालय ने लिया स्वतः संज्ञान, केंद्र को नोटिस

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी के भयावह होते संकट पर सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि ऑक्सीजन और ज़रूरी दवाइयों की आपूर्ति के साथ टीकाकरण को लेकर एक राष्ट्रीय नीति बने। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि इसे लेकर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

सर्वोच्च अदालत में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कोविड संकट को लेकर राष्ट्रीय योजना पेश करने को कहा है। इससे पहले कोविड को लेकर देश के अलग-अलग छह उच्च न्यायालयों में सुनवाई चल रही थी। मुख्य न्यायधीश ने कहा है कि हालात बेकाबू हो रहे हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि छह अलग-अलग उच्च अदालतों में कोविड को लेकर हो रही सुनवाई से कुछ भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। अब सारे मामलों की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय ही करेगा। न्यायालय ने वरिष्ठ वकील हरिश साल्वे को इस स्वतः संज्ञान मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने ये भी कहा कि हाई कोर्ट के पास कोविड महामारी को देखते हुए लॉकडाउन लगाने का न्यायिक अधिकार है कि नहीं इसकी भी समीक्षा करेगा।

 

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