विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोरोना उत्पत्ति संबंधी रिपोर्ट पर अमेरिका समेत 14 देशों ने जताई चिंता

वाशिंगटन। अमेरिका और जापान समेत 14 देशों ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की उस रिपोर्ट पर गंभीर चिंता जताई है जिसमें कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति और इसके इंसानों में फलने का विवरण दिया गया है। इस रिपोर्ट को चीन ने मिलकर तैयार किया है। जनवरी 2021 में डब्‍ल्‍यूएचओ ने इसकी उत्‍पत्ति और इंसानों में फैलने की जांच के लिए अपनी दस सदस्‍यों की टीम चीन के वुहान शहर में भेजी थी। इस टीम ने वहां पर सी-फूड मार्केट समेत दूसरी जगहों की जांच की और साथ ही लोगों और चीनी विशेषज्ञों से भी इस संबध में बात की थी। इसके बाद विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने कहा था कि उन्‍हें जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला जिसके दम पर ये कहा जाए कि ये वायरस चीन की लैब से लीक हुआ था।

उन्‍होंने ये भी कहा कि ये वायरस चमगादड़ के जरिए इंसान में आया लेकिन कैसे इस बारे में कुछ पता नहीं चल सका। इसमें ये भी कहा गया कि वायरस के लैब से लीक होने की बातें बेबुनियाद हैं क्‍योंकि सभी लैब अत्‍याधुनिक तकनीक से लैस हैं। लेकिन अब इसी रिपोर्ट में इन 14 देशों ने सवाल खड़ा कर दिया है। इनका कहना है कि संगठन ने अपनी रिपोर्ट को सही तरह से तैयार नहीं किया है। इसमें ऑरिजनल डाटा और सैंपल को शामिल नहीं किया गया है। इन देशों से संगठन द्वारा रिपोर्ट में देरी किए जाने पर भी आपत्ति जताई है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इस रिपोर्ट को मंगलवार को जारी किया था।

जिन देशों ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है कि उनमें अमेरिका, कनाडा, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, इस्‍तोनिया और इजरायल भी शामिल हैं। इन सभी ने एक बयान में कहा है कि वो विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं साथ ही जो संगठन द्वारा इस महामारी को खत्‍म करने के जो कदम उठाए हैं वो उसके समर्थन में हैं। इतना ही नहीं वो ये वायरस की शुरुआत कैसे हुई और कैसे ये दूसरे देशों में फैलता चला गया इसको भी समझते हैं। इसके बावजूद इन सभी देशों ने जिस बारे में अपनी चिंता व्‍यक्‍त की है उसको गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। जापान, लातविया, लिथुवानिया, नॉर्वे, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, स्‍लोवानिया और ब्रिटेन ने भी अन्‍य देशों द्वारा दिए गए इस बयान को सही बताते हुए इस पर अपनी सहमति दी है।

इन सभी देशों का कहना है कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की टीम के विशेषज्ञों ने चीन के वुहान में 14 जनवरी से 10 फरवरी के बीच जो रिव्‍यू किया वो इस बात को जानने का पहला कदम होगा कि ये वायरस कैसे आया और कैसे फैला। अलजजीरा के मुताबिक संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एधनोम घेबरेयसस ने विशेषज्ञों से मांग की है कि इस रिपोर्ट पर दोबारा गौर कर किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने की जरूरत है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि वो इस एसेसमेंट में विश्‍वास नहीं रखते हैं कि सब कुछ पूरा हो चुका है।

इस रिपोर्ट में टीम इस नतीजे पर जरूर पहुंची है कि वायरस के लैब से निकलने की बात जो कही जा रही थी वो पूरी तरह से मनघडंत हैं। इसके बाद भी इन सभी तथ्‍यों की दोबारा पड़ताल करने की जरूरत है। उन्‍होंने ये भी साफ कर दिया है कि वो इसके लिए अपने विशेषज्ञों की टीम को तैनात करने के लिए तैयार हैं।

आपको बता दें कि इस महामारी के लिए दुनिया के लगभग सभी देशों ने चीन की कड़ी निंदा की है। इन्‍होंने चीन पर इसको फैलाने या उसके जरिए फैलने का अंदेशा जताया है। दुनिया के कई देशों ने इसमें चीन की भूमिका को संदिग्‍ध माना है और कहा है कि इस महामारी की वजह से दुनिया के करोड़ों लोग बीमार हुए हैं जबकि तीस लाख लोगों की मौत हो चुकी है।

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