होली पर ऐसे बचें बुरे तांत्रिक प्रयोगों से
—शुभ चौपाल—
तांत्रिक क्रियाओं में कुछ तिथियों और पर्वों का विशेष महत्व होता है। इनमें होली का दिन भी शामिल है। होली पर्व को तंत्र के अभिचार कर्म का प्रयोग करने के लिए विशिष्ट माना जाता है। तंत्र के अभिचार कर्म का आशय वशीकरण, मोहन, मारण, उच्चाटन, स्तम्भन एवं विद्वेषण से है। होली का पर्व तांत्रिक प्रयोगों से रक्षा हेतु शुभ मुहूर्त है। तांत्रिक अभिचार कर्मों से मुक्ति के लिए होली के दिन की गई साधनाएँ एवं प्रयोग सरलता से सफल होते है। तांत्रिक अपने प्रयोजन सिद्ध करने के लिए ऐसे अवसरों की ही प्रतीक्षा करते हैं।
तंत्र एक गंभीर विषय है, जिस पर सार्वजनिक रूप से अधिक चर्चा उचित नहीं है। यहां ‘शुभ चौपाल’ लोकहिताय ऐसे अवसर पर बुरे तांत्रिक प्रयोगों से बचाव के कुछ उपाय बता रहा है। यह अनुभवी और सिद्ध तांत्रिकों द्वारा सुझाए गए हैं।
1. होली के दिन प्रात:काल बिना कुल्ला किए दरवाजा खोलने से बचना चाहिए।
2. प्रात:काल उठते ही किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दी गई वस्तु नहीं खानी चाहिए। ऐसे व्यक्ति जो मन ही मन आपके प्रति द्वेष भाव रखता हो, उसके द्वारा दी गई वस्तु को रखने और सेवन करने से बचना चाहिए।
3. अपने सिर का विशेष ध्यान रखें। सिर का अभिमंत्रित पानी, चावल, राई और लौंग जैसी वस्तुओं से बचाव करें।
4. अपने उपयोग किए किसी भी वस्त्र अथवा अन्य सामग्री को ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए, जो इनका तांत्रिक प्रयोगों में उपयोग कर सके।
5. होली के दिन किसी भी विरोधी के द्वारा दिया गया दान, इलायची, लौैंग आदि का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दिन तांत्रिक क्रियाएँ शीघ्र प्रभावी होती हैं।
—’शुभ चौपाल’ ऐसी किसी जानकारी की सत्यता का दावा नहीं करता। आप अपने विवेकानुसार इसे ग्रहण कर सकते हैं।—