मध्यप्रदेश— अब होगी जमीनों की रजिस्ट्री मौजूदा कलेक्टर गाइडलाइन पर ही 30 अप्रैल तक
भोपाल। यदि आप रजिस्ट्री शुल्क बढने के फेर में 31 मार्च तक रजिस्ट्री कराने के लिए परेशान हैं तो परेशान न हों। प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के समय रजिस्ट्रार कार्यालयों में उमड रही भीड को देखते हुए एक महीने के लिए जमीन की मौजूदा कलेक्टर गाइडलाइन न बढ़ाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना के मामलों की समीक्षा के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा रजिस्ट्री कराने में जल्दबाजी न करें। वित्तीय वर्ष भले ही 31 मार्च को खत्म हो रहा है, लेकिन एक से 30 अप्रैल तक गाइडलाइन के दाम यथावत रहेंगे। इसके बाद 20 से 30 फीसद तक बढ़ाए जा सकते है।
शुक्रवार देर रात जारी आदेश के अनुसार रजिस्ट्री के लिए सभी उप पंजीयक कार्यालय 31 मार्च तक सुबह साढ़े आठ बजे से खोले जाएंगे। रजिस्ट्री की संख्या बढ़ने के कारण तीन दिन से लगातार रजिस्ट्री का सर्वर संपदा साफ्टवेयर धीमा चल रहा है। जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष समाप्त होगा रजिस्ट्री की संख्या बढ़ेगी। इसके चलते प्रचलित गाइडलाइन का समय एक माह बढ़ा दिया है, ताकि रजिस्ट्री कार्यालयों में भीड़ न लगे।
वाणिज्यिककर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में रजिस्ट्रियों से राजस्व आय का लक्ष्य 5,600 करोड़ रुपए रखा था, लेकिन अब तक सरकार के खजाने में 6 हजार करोड़ रुपए आ चुके हैं, जबकि सरकार ने दिसंबर 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते 2 फीसद छूट दी थी। बंपर रजिस्ट्री होने और अधिक दाम पर हुई रजिस्ट्री के आधार पर ही गाइडलाइन दाम बढ़ाने की तैयारी चल रही है। यह वृद्धि 5 से 40 फीसद तक होनी है। इसके पीछे तर्क है सात साल बाद वृद्धि की जा रही है।