मध्यप्रदेश— कोरोना को लेकर सख्ती, 12 जिलों पर विशेष फोकस
भोपाल। प्रदेश में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। रविवार को 743 कोरोना मरीज मिले हैं। उसके बाद सरकार ने कोविड नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। साथ ही 12 जिलों के प्रशासन को इसे सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने कहा है कि बदलावों से सभी कलेक्टर्स को अवगत करा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, बालाघाट, सिवनी, बैतूल, छिंदवाड़ा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, रतलाम और उज्जैन में पुलिस एवं नगर निगम के वाहनों से सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, रोको-टोको संबंधी जन-जागरण की सूचनाएं लगातार प्रसारित करने के निर्देश दिये गये हैं। राजेश राजौरा ने कहा कि भोपाल और इंदौर जिलों के अलावे महाराष्ट्र राज्य के सीमावर्ती जिलों बालाघाट, सिवनी, बैतूल, छिंदवाड़ा, खण्डवा, खरगौन, बड़वानी और बुरहानपुर में बंद हॉल में जो भी कार्यक्रम आयोजित हो, उसमें समस्त प्रकार के कार्यक्रमों में क्षमता के 50 प्रतिशत और अधिकतम 200 व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे।
गृह विभाग ने साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से हो। महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, खण्डवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और बैतूल में महाराष्ट्र से आने-जाने वाले मालवाहक वाहनों का परिवहन निर्बाध रूप से जारी रहेगा।
वहीं, महाराष्ट्र से आने वाले समस्त यात्रियों को 7 दिन के लिये आवश्यक रूप से क्वारंटीन होना होगा। इसके लिए नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों में व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में अनिवार्य रूप से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। पालन नहीं करवाने वाले प्रतिष्ठानों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। दुकान संचालकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन रस्सी के माध्यम से या चूने के गोले बनाकर कराना होगा।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजौरा ने कहा कि जिलों को क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठकें आयोजित कर कोविड-19 की स्थिति एवं रोकथाम के उपायों की आवश्यक समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, रोको-टोको अभियान, कार्यक्रमों के आयोजन, उसमें अधिकतम व्यक्तियों की संख्या और क्वारंटीन पीरियड के संबंध में उपयुक्त निर्णय ले सकेंगे।