कोविड-19— नई लहर की चपेट में भारत? यह कहते हैं विशेषज्ञ
नई दिल्ली। देश में पिछले 83 दिनों में शनिवार को कोरोना वायरस के सर्वाधिक मामले सामने आने के साथ भारत में कोरोना वायरस की नई लहर आने की आशंका गहरा रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हो सकता है कि नई लहर न आई हो। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक से अधिक संख्या में लोगों का टीकाकरण कर और कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन कर बढ़ते कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 24,882 नए मामले सामने आए हैं जबकि एक दिन पहले 23,285 मामले सामने आए थे और यह ग्राफ ऊपर की तरफ बढ़ता जा रहा है। 20 दिसंबर 2020 के बाद यह सबसे अधिक संख्या है जब संक्रमण के 26,624 नए मामले सामने आए थे।
वैज्ञानिक मंथन कर रहे हैं कि मामले में क्यों और किस तरह से बढ़ोतरी हुई है, लेकिन वे इस बात पर सहमत हैं कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कर और टीकाकरण अभियान में तेजी लाकर संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाई जा सकती है।
सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स ऐंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा कि उनके संस्थान के वैज्ञानिक यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या वायरस के ज्यादा संक्रामक प्रकार के कारण मामले बढ़ रहे हैं या लोगों की तरफ से एहतियात नहीं बरतने के कारण। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि महामारी की नई लहर चल रही है, लेकिन कुछ चीजें जरूर हो रही हैं। अग्रवाल ने कहा, ‘महामारी रोकने के लिए कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करना और टीकाकरण बेहतर तरीके हैं।’
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की अप्लायड मेडिकल साइंसेज की प्रमुख मोनिका गुलाटी ने कहा कि भारत में मामलों में बढ़ोतरी अन्य देशों की तरह बहुत ज्यादा नहीं है, जहां नए ‘स्ट्रेन’ पाए गए हैं। इससे संकेत मिलता है कि यह ‘स्ट्रेन’ बहुत संक्रामक नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी नए प्रकार के कारण हो सकता है, साथ ही आम आदमी के ढीले-ढाले रवैये के कारण हो सकता है। गुलाटी ने कहा, ‘जिन देशों में नए स्ट्रेन ज्यादा घातक पाए गए हैं वहां नई लहर पुराने की तुलना में ज्यादा प्रचंड है। भारत में नए मामले ज्यादा नहीं हैं, जिसका कारण टीकाकरण अभियान और वर्तमान स्ट्रेन का कम संक्रामक होना है।’
संक्रमण के नए मामलों का सात दिनों का औसत भारत में 67 फीसदी बढ़ा है। 11 फरवरी तक एक सप्ताह में जहां औसत मामला 10,988 था वहीं बुधवार को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़कर औसतन रोजाना 18,371 हो गया।
सीएसआईआर सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मोलेक्यूलर बायोलॉजी के निदेशक राकेश मिश्रा ने चेतावनी दी कि अगर वर्तमान रुख बना रहता है तो नई लहर आ सकती है और यहां विकसित वायरस का नया प्रकार सामने आ सकता है।
मिश्रा ने कहा, ‘नई लहर की संभावना है। फिलहाल यह कई राज्यों में हो रहा है जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है। लेकिन कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन कर इससे बचा जा सकता है।’
वायरोलॉजिस्ट उपासना राय ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि वर्तमान में दूसरी लहर चल रही है, लेकिन कहा कि मामलों में बढ़ोतरी का रुख बना हुआ है।