मध्यप्रदेश— उज्जैन में पंचायत सचिव रिश्वत लेने के बजाए घर से भागा

उज्जैन। एक किसान से कूप खनन योजना के मस्टर का भुगतान करने के नाम पर पंचायत सचिव ने 15 हजार रुपये रिश्वत मांगी। शिकायत लोकायुक्त को कर दी गई। किसान रुपये लेकर पंचायत सचिव के घर पहुंचा तो सचिव ने लोकायुक्त टीम को देख लिया। इस पर उसने रुपये लेने से इंकार कर दिया और घर से भाग निकला। लोकायुक्त ने आरोपित पंचायत सचिव के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ईश्वरसिंह पुत्र देवीसिंह आर्य निवासी ग्राम कछालिया सैयद तहसील झारड़ा ने अपने खेत पर कुआं खुदवाया है। शासन की कूप खनन योजना के तहत खेत में कुआं खुदवाने पर किसान को 2.40 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है। ग्राम पंचायत वनसिंग के पंचायत सचिव रतन लाल चौहान ने ईश्वरसिंह को 1.57 लाख रुपये मस्टर का भुगतान करने के लिए 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। सचिव पांच सौ रुपये भी ले चुका था। इस पर ईश्वरसिंह ने लोकायुक्त को शिकायत की थी। लोकायुक्त ने किसान व पंचायत सचिव की बातचीत रिकार्ड कर ली थी जिसमें पंचायत सचिव रतन रुपये की मांग कर रहा था। ईश्वरसिंह ने 6 हजार रुपये देने की बात कही। जिस पर रतनलाल ने उसे अपने घर ग्राम बोरखेड़ा बुलाया था। रुपये लेकर ईश्वरसिंह बुधवार को रतनलाल के घर पहुंच गया था।

बताया गया है कि लोकायुक्त टीम किसान ईश्वरसिंह को रिश्वत की राशि लेकर पंचायत सचिव के ग्राम बोरखेड़ा गई थी। वहां रुपये लेकर ईश्वर सचिव के घर के अंदर गया तो सचिव को लोकायुक्त द्वारा ट्रैप करने की भनक लग गई। इस पर उसने रिश्वत की राशि नहीं ली और ईश्वर से यह कहते हुए घर से भाग निकला की वह उसका काम फ्री में कर देगा।

आरोपित पंचायत सचिव रतनलाल चौहान के द्वारा ईश्वरसिंह से बातचीत के दौरान रिश्वत की मांग किए जाने की पुष्टि एवं बातचीत के दौरान पांच सौ रुपये रिश्वत के रूप में लिए गए थे। इससे अपराध घटित होना प्रमाणित पाए जाने के कारण लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के अंतर्गत पंचायत सचिव रतन लाल चौहान के विरुद्ध अपराध दर्ज कर लिया।

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