उत्तरप्रदेश— बलात्कार के आरोप में भुगती उम्रकैद, 20 साल बाद निर्दोष घोषित

आगरा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बलात्कार में उम्रकैद भुगत रहे एक व्यक्ति को 20 साल बाद निर्दोष घोषित किया है। विष्णु तिवारी को 23 साल की उम्र में ट्रायल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इन 20 सालों में उसके परिवार के हर सदस्य की मौत हो गई। आखिरकार अब विष्णु को जेल से रिहाई मिलेगी।

मिली जानकारी के अनुसार विष्णु तिवारी ललितपुर गांव में अपने पिता और दो भाइयों के साथ रहता था। स्कूल छोड़ने के बाद वह परिवार की मदद के लिए नौकरी कर रहा था। सन् 2000 के सितंबर माह में दूसरे गांव की एक महिला ने उसके विरुद्ध बलात्कार का आरोप लगाया था। विष्णु के खिलाफ अनुसूचित जनजाति की महिला के साथ रेप, धमकी और यौन शोषण के तहत मामला दर्ज हुआ था। ट्रायल कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। 2003 में उसे आगरा सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। छह साल पहले उसके पिता की मृत्यु हो गई लेकिन पेरोल न मिलने की वजह से वह अंतिम संस्कार में नहीं जा सका। उसके बाद भाइयों की भी मौत हो गई।

14 साल पूरे होने पर विष्णु ने दया याचिका के लिए अपील का फैसला किया। जेल अधिकारियों ने स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी से संपर्क किया और पिछले साल उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की। उच्च न्यायालय ने पाया कि मामले में एफआईआर तीन दिन बाद दर्ज हुई थी और महिला के प्राइवेट पार्ट पर कोई चोट के निशान नहीं थे जैसा कि दावा किया था। पाया गया कि दोनों परिवारों के बीच जमीन विवाद था और महिला के पति और ससुर ने शिकायत दर्ज कराई थी न कि महिला ने। उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए विष्णु को बरी कर दिया। जेल अधीक्षक ने बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि कुछ ही दिन में वह जेल से बाहर आ जाएगा। इसके बाद उसका प्लान ढाबा खोलने और नई जिंदगी की शुरुआत करने का है।

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