जम्मू— शांति सम्मेलन के बहाने कांग्रेस नेतृत्व को दिया संदेश

जम्मू। कांग्रेस नेतृत्व को पहले भी कटघरे में खडा कर चुके नेता शनिवार को जम्मू में जुटे। गांधी ग्लाेबल फैमिली के शांति सम्मेलन में एकत्रित इन नेताओं ने मुखरता के साथ पार्टी को लेकर अपनी बात रखी। यह सम्मेलन ऐसे समय हुआ, जब राहुल गांधी तमिलनाडु का दौरा कर रहे हैं। नेतागण भगवा साफा के साथ दिखाई दिए।

कपिल सिब्बल ने कहा, ‘आजाद एक ऐसे नेता हैं, जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की हकीकत और उसकी ताकत के बारे में जानते हैं। हमें दुख हुआ, जब यह पता चला कि वह अब संसद में नजर नहीं आएंगे। हम नहीं चाहते थे कि वह संसद से जाएं। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर कांग्रेस उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है।’ यही नहीं कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद की तुलना पार्टी के एक इंजीनियर से की।

आनंद शर्मा ने कहा कि हम सभी आज जहां हैं, वहां तक पहुंचने के लिए एक लंबा रास्ता तय किया है। हममें से कोई ऐसा नहीं है, जो खिड़की के रास्ते आ गया हो। सभी दरवाजे से ही आए हैं। हम सभी लोग छात्र आंदोलन से निकले हैं। उन्होंने कहा कि मैंने किसी को यह अधिकार नहीं दिया है कि वह हमें बताए कि हम कांग्रेस में हैं या नहीं। यह हक किसी को नहीं है। हम पार्टी को बनाएं और उसे मजबूत करेंगे। हम कांग्रेस की एकता और मजबूती में यकीन करते हैं।

राज बब्बर बोले- कांग्रेस को मजबूत देखना चाहती है जी-23: जम्मू में आयोजित शांति सम्मेलन में पहुंचे कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि लोग हमें जी-23 कहते हैं परंतु मैं गांधी 23 कहता हूं। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ ही इस देश का कानून और संविधान बना। इन्हें आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस मजबूती से खड़ी है। उन्होंने जी-23 के मकसद को लोगों के समक्ष उजागर करते हुए कहा कि जी-23 कांग्रेस को मजबूत देखना चाहती है। हम इसी पर काम करेंगे।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं, एक कांग्रेस पार्टी में हैं दूसरों के भीतर कांग्रेस है। गुलाम नबी आजाद भी उन लोगों में से हैं जिनके भीतर कांग्रेस है। हम लोग आज इसलिए इकट्ठा हैं कि कांग्रेस को मजबूत करें। अगर कांग्रेस मजबूत होगी, देश मजबूत होगा। वहीं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पिछले एक दशक से कांग्रेस कमजोर हुई है। आज हम सभी नेता यहां पर इसलिए इकट्ठा हुए हैं ताकि कांग्रेस को फिर से मजबूत किया जाए।

इससे पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी शांति सम्मेलन के दौरान लोगों को संबोधित किया। उन्होंने केंद्र सरकार की गलत नीतियों और उसके खिलाफ कांग्रेस द्वारा उठाई गई आवाज को अवश्य उजागर किया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच से छह सालों में उन्होंने तथा उनके अन्य साथियों ने जम्मू-कश्मीर के मुद्​दों पर संसद में काफी कुछ कहा है। चाहे वो जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनना हो या फिर बेरोजगारी का मुद्​दा हो, हर बात को कांग्रेस ने संसद में जोरशोर से उठाया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई मुद्​दे हैं जिन पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। यहां की उपेक्षा की गई है। उद्योगों को खत्म किया गया है, यहां शिक्षा भी कुछ वर्षों में प्रभावित हुई है। आजाद ने कहा कि चाहे जम्मू-कश्मीर हो या लद्​दाख हम सभी धर्मों, जातियों और लोगों का सम्मान करते हैं। हम बराबरी से हर किसी को सम्मान देते हैं और यही हमारी ताकत है। हम आगे भी इसी तरह से करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से 2019 में राज्य का दर्जा छीनकर यहां के लोगों के साथ सही नहीं किया है। जम्मू-कश्मीर का एक अपना इतिहास है और इस राज्य की अपनी अलग पहचान थी।

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