राजस्थान— किसानो के मामले में पंजाब की राह पर राजस्थान
जयपुर। केंद्रीय कृषि कानूनों का अब राज्य सरकारें विरोध करने लगी हैं। पंजाब सरकार इन कानूनों के विरोध में विधेयक पारित कर चुकी है। राजस्थान भी पंजाब की राह पर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इन कानूनों के विरुद्ध बिल पारित किए हैं और राजस्थान भी शीघ्र ऐसा ही करेगा। पंजाब सरकार
केंद्रीय कृषि कानूनों को खारिज करने वाला पहला राज्य बन चुका है, जिसने 4 विधेयक पेश किए। इनमे से एक विधेयक में एमएसपी से कम कीमत पर धान या गेहूं की खरीदी-बिक्री पर 3 साल की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अचानक कैबिनेट की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इन कानूनों के विरुद्ध बिल पारित किए हैं और राजस्थान भी शीघ्र ऐसा ही करेगा। बैठक में केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों से प्रदेश के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा हुई। नए कृषि कानूनों से जरूरी वस्तु अधिनियम के तहत सामान्य परिस्थितियों में विभिन्न कृषि जिन्सों के स्टाॅक की अधिकतम सीमा हटाने से कालाबाजारी बढ़ने, अनाधिकृत भंडारण व कीमतें बढ़ने की आशंका है। प्रदेश में 7 लाख किसान, एमएसपी पर सिर्फ 25% पैदावार ही बिकती है
प्रदेश में करीब 7 लाख किसान हैं। कुल पैदावार में सिर्फ 25% ही एमएसपी पर बिकती है, बाकी बाजार मूल्य पर बेची जाती है। बैठक में चर्चा हुई कि व्यापारियों द्वारा किसानों की फसल खरीद के प्रकरण में विवाद की स्थिति में निपटारे के लिए सिविल कोर्ट के हक बहाल हों। राजस्थान में ऐसे प्रकरणों में फसल खरीद के विवादों के मंडी समिति या सिविल कोर्ट से निपटारे की व्यवस्था पूर्ववत रहे।