हरियाणा— किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा— जरूरत पड़ी तो अपनी फसल भी जला देंगे किसान

हिसार। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा केंद्र किसी भी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि किसान फसल की कटाई के लिए वापस जाएंगे। यदि वे मजबूर करेंगे तो हम अपनी फसलों को जला देंगे। उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि विरोध 2 महीने में खत्म हो जाएगा। हम फसल के साथ-साथ विरोध करेंगे।

हरियाणा के हिसार जिले के खरकपुनियों में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि फसलों की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं। केंद्र ने स्थिति को बर्बाद कर दिया है, यदि जरूरत हुई तो हम अपने ट्रैक्टरों को पश्चिम बंगाल में भी ले जाएंगे, क्योंकि वहां पर भी किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही है।

टिकैत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उनका अगला लक्ष्य 40 लाख ट्रैक्टरों का है, देशभर में जाकर 40 लाख ट्रैक्टर इकट्ठा करेंगे। ज्यादा समस्या की तो ये ट्रैक्टर भी वहीं हैं, ये किसान भी वही हैं, ये फिर दिल्ली जाएंगे। इस बार हल क्रांति होगी, जो खेत में औजार इस्तेमाल होते हैं, वे सब जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है। उन्होंने कहा कि कानून वापसी तक किसान कहीं जाने वाला नहीं है। कानून वापसी से ही किसानों की घर वापसी संभव है। इसके साथ ही सरकार को एमएसपी पर कानून भी लाना होगा।

गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 85वें दिन भी जारी है। इस बीच किसानों को मनाने के लिए अब तक केंद्र सरकार की ओर से की गईं सभी कोशिशें बेनतीजा रही हैं।

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार इन कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.