गांव में बुखार; सरकारी इलाज और झोलाछाप शरणम्
Raisen Ayushman Arogya Mandir पढें जामगढ में बीमार होने पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर का अनुभव
—याज्ञवल्क्य
(बरेली कार्यालय)
बरेली (रायसेन)। आमतौर समाचार का विषय अन्य लोग ही होते हैं, लेकिन कई बार हम परबीती से हटकर आपबीती पर भी आ जाते हैं। भले ही यह समाचार के मानक स्वरूप का उल्लंघन कर रहा हो लेकिन पत्रकारिता के विद्यार्थी कई बार ऐसे प्रयोग करते रहते हैं, जो अनुभूति की गहनता के कारण पाठकों को छू जाते हैं।
आज हम कुछ ऐसा ही अपने पाठकों के सामने प्रस्तुत करना चाहते हैं। जोर देकर आग्रह भी करना चाहते हैं कि इसे एक आम आदमी की व्यथा के रूप में लिया जाए। इसमें हमारे निजी संदर्भों को न जोडा जाए।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर
सरकार ने गांवों में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनवा रखे है। सरकार का उद्देश्य यह रहा है कि ग्रामीणों का सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए करीब के कस्बे अथवा शहर के अस्पताल न जाना पडे। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर नवीनतम जानकारी के अनुसार एक लाख 73 हजार 881 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं और 12 स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हुए इनका संचालन किया जा रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में 317 करोड़ से अधिक लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई है, क्योंकि ये देश भर के समुदायों को सेवाएं प्रदान करते हैं।
आधिकारिक जानकारी बताती है कि फरवरी 2018 में, भारत सरकार ने दिसंबर 2022 तक देश भर में एक लाख 50 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) पूर्व में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) स्थापित करने की घोषणा की थी। एएएम पोर्टल में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नवीनतम जानकारी के अनुसार, कुल एक लाख 73 हजार 881 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं और 31 जुलाई, 2024 तक इनका संचालन शुरू हो गया है, जिसके तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मौजूदा उप-स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को पूर्ण 12 सेवाओं के पैकेज के साथ व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तारित श्रृंखला प्रदान करने के लिए परिवर्तित किया जाएगा, जिसमें निवारक, प्रोत्साहक, उपचारात्मक, उपशामक और पुनर्वास सेवाएं शामिल हैं। 31 जुलाई, 2024 तक इन एएएम पर कुल 317.34 करोड़ लोगों ने जांच करवाई है। 31 जुलाई, 2024 तक कुल उच्च रक्तचाप जांच 84.28 करोड़, मधुमेह की जांच 74.18 करोड़, मुख के कैंसर की जांच 49.88 करोड़, स्तन कैंसर की जांच 22.87 करोड़, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जांच 15.13 करोड़ की गई। इस तरह योग सहित कुल 3.98 करोड़ आरोग्य सत्रों का आयोजन किया गया और कुल 26.39 करोड़ टेलिफोन से परामर्श किए गए हैं।
आप चाहें तो 31 जुलाई, 2024 तक जिलेवार संचालित एएएम की संख्या
https://abhwc.nhp.gov.in/Home/Implementation_hwc_state
पर देख सकते हैं।
अब जानें हमारा अनुभव
बरेली तहसील के ग्राम जामगढ में हम पति— पत्नी निवास करते हैं। आपको बता दें कि बिना किसी जमीन, वाहन और सुविधाओं के जीवन आनंदमय बीत रहा है। प्रतिदिन बरेली जाना और दिनभर कुछ काम करके शाम को वापस लौट आना नियमित दिनचर्या है। इस क्रम में अकसर 15—20 किलोमीटर की पदयात्रा भी होती है। तीन—चार दिन पहले रात में अचानक काफी तेज बुखार आ गया। सुबह यह अपने कई संगी—साथियों को भी ले आया। रविवार को पत्नी भी पड गईं। एक बार फिर आग्रह करेंगे कि निजी संदर्भ न जोडें। आज सोमवार को हमने सोचा कि जामगढ में आयुष्मान आरोग्य मंदिर है। वहां इतनी दवाई तो मिल ही जाएगी। कई घंटे बुखार से कंपकंपाते हुए इसके खुलने की प्रतीक्षा की। लोगों ने बताया कि यह तो केवल टीकाकरण जैसे कार्यक्रमों में ही खुलता है। कई सालों से इस आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्वास्थ्य विभाग अथवा प्रशासन के किसी अधिकारी के चरण नहीं पडे हैं।
ऐसे लगाया हिसाब
अब अगर बरेली किसी वाहन को लेकर जाते तो कम—से—कम 2—3 सौ खर्च होते। सिविल अस्पताल के समय तक कोई रुकता नहीं। प्रायवेट डॉक्टर को फीस के 3—5 सौ रूपए देना होते। इसलिए बरेली में बमुश्किल एक कथित तौर पर झोलाछाप—नीम हकीम डॉक्टर को मनाया कि वे दवाई भेज दें। यह दवाई का ही असर है कि अब यह लिख पा रहे हैं।