रायसेन- अब महंगी बिकेगी नर्मदा की रेत

नर्मदा की रेत के अवैध उत्खनन के बाद हो चुका अवैध संग्रहण

याज्ञवल्क्य

रायसेन। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सटा रायसेन जिला नर्मदा की रेत और शराब के अवैध कारोबार के लिए कुख्यात है । इस जिले के लोग अब यह मानकर शिकायत नहीं करते कि संबंधित विभागों के अधिकारी अवैध कारोबारियों के अधीनस्थों की तरह काम कर रहे होते हैं । केवल दिखावे की कार्यवाही इन माफियाओं के ही सहयोग से करके वाहवाही लूटने के कभी कभी प्रयास होते रहते हैं ।

रायसेन जिले के बरेली अनुविभाग को नर्मदांचल कहा जाता है । इस अनुविभाग की बाड़ी, बरेली और उदयपुरा तहसील पर मध्यप्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा कृपालु हैं । जन आस्था की केंद्र नर्मदा लम्बे समय से नर्मदा की रेत का अवैध कारोबार करने वालों, जिले में पदस्थ अधिकारियों और नेताओं की भारी भरकम अवैध कमाई का प्रमुख स्रोत है

क्या करते हैं ठेकेदार  

रेत खदानो के ठेकेदार लाखों बांटकर करोड़ो की काली कमाई करते रहते हैं । रेत खदान के निर्धारित स्थान से कई गुना अधिक क्षेत्रफल में ये रेत का अवैध रूप से उतखनन कराते रहते हैं । इसी तरह रेत के अवैध परिवहन में भी इन्हे अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिलता है ।

रेत का अवैध संग्रहण

बरसात को देखते हुए रेत का अवैध कारोबार करने वाले प्रतिबंधित मशीनों से नर्मदा की रेत का अवैध रूप से उत्खनन करा रहे थे। अब तक बरेली अनुविभाग की बाड़ी,  बरेली और उदयपुरा तहसीलों सहित जिले की सीमा में भोपाल और सागर जिलों के निकट नर्मदा की रेत का डम्परों से संग्रहण किया जा चुका है। अब बारिश में यही अवैध रूप से संग्रहित नर्मदा की रेत मनमाने दामों पर निर्माण कार्य कराने वालों को बेचीं जाती रहेगी। यह अवैध संग्रहण होता भी रहा और बारिश में यह रेत बिकती भी रहेगी, लेकिन अवैध संग्रहण पर कार्यवाही की उम्मीद नहीं की जा सकती।

 

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