किसान आंदोलन— डटे हैं अन्नदाता
नई दिल्ली। नये कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर किसान अभी भी दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं। छह फरवरी को देशभर में चक्का जाम की तैयारी चल रही है। इस बारे में बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में हम कुछ नहीं कर रहे हैं, वहां तो राजा ने खुद किले-बंदी कर रखी है, हमारे चक्का जाम करने की जरूरत ही नहीं है।
टिकैत ने आगे कहा कि चक्का जाम दिल्ली में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी नजर आएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान शामिल है। तीन घंटे का चक्का जाम होगा। इस दौरान जिन गाड़ियों को रोकने का काम किया जाएगा, उन्हें खाने को कुछ दिया जाएगा और पानी दिया जाएगा और बताया जाएगा कि सरकार उनके साथ क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान सरकार की सभी कीलें उखाड़ देंगे और एक-एक करके प्रदर्शन स्थल के बाहर लगाई गई कीलों को भी उखाड़ने का काम करेंगे। कुछ लोगों द्वारा खालिस्तानी और राष्ट्र विरोधी बताने पर बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता की प्रतिक्रि या आई है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह पुरानी बात है और यह सबके लिए आगे बढ़ने का समय है।
इधर, कई किसानों ने दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के एक हिस्से में अस्थायी तंबू लगा रखे हैं, वहीं कई किसान ट्रैक्टर की ट्रॉलियों में ही आराम करते नजर आ रहे हैं। सड़क पर बिछायी गयी दरियों पर भी कुछ किसान खुले आसमान के नीचे डटे हुए हैं। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी किए जाने के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की आलोचना के बाद प्रदर्शन स्थल के आसपास की सड़कों से कीलें हटा दी गयी है वहीं दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि कीलों का स्थान बदला गया है।
एक प्रदर्शनकारी ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि जिस तरह वे कीलें हटा रहे हैं, उसी तरह कानून भी वापस लेंगे। पूर्वी दिल्ली के पुलिस के उपायुक्त (डीसीपी) दीपक यादव ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था पहले की तरह कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी तस्वीरें और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं, जिसमें दिख रहा है कि गाजीपुर में कीलें निकाली जा रही हैं। लेकिन, इनका स्थान बदला जा रहा है और सीमा पर सुरक्षा इंतजाम यथावत रहेंगे।