प्रधानमंत्री— तिरंगे के अपमान से देश दुखी, नरेश टिकैत बोले- जो हुआ उसके पीछे साजिश थी

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है, लेकिन इस सबके बीच 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन लालकिले पर हुई घटना से देश बहुत दुखी हुआ। प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 73वीं कड़ी में यह बात कही। उन्होंने नए साल में जनवरी के महीने के दौरान मनाए गए पर्व व त्योहारों के साथ अन्य घटनाओं व कायर्क्रमों का उल्लेख करते हुए कहा, “इन सबके बीच, दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश बहुत दुखी भी हुआ।”

इस घटना पर अब किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा है कि “26 जनवरी को जो कुछ भी हुआ, वह एक साजिश का नतीजा था।” टिकैत ने कहा कि इसकी व्‍यापक जांच होनी चाहिए। किसान नेता ने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि “तिरंगा सबसे ऊपर है। हम कभी तिरंगे का अपमान नहीं होने देंगे। सदैव उसे ऊंचा रखेंगे। यह बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा।”

‘नहीं चाहते कि सरकार या संसद झुके’
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि उनकी सरकार किसानों से केवल ‘एक फोन कॉल दूर’ है। इसपरटिकैत ने कहा क‍ि “सरकार को हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के लिए मंच तैयार करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि बीच का कोई रास्ता निकलेगा।” उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा, हम उसका सम्मान करते हैं, उनकी गरिमा की रक्षा की जाएगी। टिकैत ने आगे कहा, “हम नहीं चाहते कि सरकार या संसद हमारे आगे झुके, लेकिन वह किसानों के आत्म-सम्मान की भी रक्षा करे।”

वहीं, न्‍यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक राकेश टिकैत ने कहा, “हमारे जो लोग जेल में बंद हैं वो रिहा हो जाएं फिर बातचीत होगी। प्रधानमंत्री ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और देश के प्रधानमंत्री का भी।”

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