सात दिनों से 146 जिलों में कोविड-19 का एक भी नया मामला सामने नहीं आया
नई दिल्ली | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी के प्रसार को बहुत हद तक रोक दिया है और देश के 146 जिलों में पिछले सात दिनों में इसका एक भी नया मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, 18 जिलों में 14 दिनों से, छह जिलों में 21 दिनों से और 21 जिलों में पिछले 28 दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी नया मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, कोविड-19 पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 23वीं बैठक की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अध्यक्षता करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि अत्यधिक तत्परता से जांच करने से यह उपलब्धि हासिल हुई है।
उन्होंने कहा कि देश में 19.5 करोड़ से ज्यादा नमूनों की अबतक जांच की जा चुकी है। नमूनों की जांच की वर्तमान क्षमता प्रति दिन 12 लाख जांच है। हर्षवर्धन ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा परिकल्पित पूरी सरकार और ‘पूरा समाज’ के दृष्टिकोण के साथ, भारत ने इस महामारी की सफलतापूर्वक रोकथाम की है। बीते 24 घंटे में 12,000 से कम मामले सामने आये हैं, जबकि इलाजरत मरीजों की संख्या भी घट कर महज 1.73 लाख रह गई है।”
मंत्री ने बताया कि कोविड-19 के इलाजरत मरीजों में से मात्र 0.46 प्रतिशत वेंटिलेटर पर हैं, जबकि 2.20 फीसदी मरीज आईसीयू में भर्ती हैं और 3.02 प्रतिशत संक्रमितों को ऑक्सीजन दी जा रही है। हर्षवर्धन ने कहा कि वायरस के ब्रिटेन में मिले नए स्वरूप के भारत में अबतक 165 मामले सामने आएं हैं। इन संक्रमित मरीजों को पृथक रखा गया है और उनकी निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की बहुत हद तक रोकथाम करने में एक उपलब्धि हासिल की है।
मंत्री ने कहा कि देश के 146 जिलों में पिछले सात दिनों में कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। वहीं 18 जिलों में 14 दिनों से, छह जिलों में 21 दिनों से और 21 जिलों में 28 दिनों से संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्री ने उल्लेख किया कि भारत ने इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट के दौरान कोविड-19 टीकों की आपूर्ति करके अन्य देशों की मदद की है और कई देशों के कर्मियों को टीका लगाने का प्रशिक्षिण दिया है। बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया है, “वैश्विक समुदाय का मित्र होने के नाते, भारत ने इस महत्वपूर्ण समय में देश में निर्मित टीकों की आपूर्ति करके दुनिया का भरोसा हासिल किया है।”
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजित के सिंह ने भारत में कोविड-19 के वर्तमान और भावी परिदृश्य को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि भारत में गत सात दिनों में मामले बढ़ने की दर 0.90 प्रतिशत है जो दुनिया में सबसे कम है। सिंह ने बताया कि भारत में इस रोग से होने वाली मृत्यु की दर में भी कमी दिख रही है। यह जून 2020 के मध्य में 3.4 फीसदी थी जो अब 1.4 प्रतिशत पर आ गई है। एनसीडीसी के निदेशक ने यह भी बताया कि दादर और नागर हवेली एवं दमन और दीव में संक्रमण मुक्त होने की दर सबसे ज्यादा है। वहां 99.79 फीसदी मरीजों ने संक्रमण को मात दे दी है। इसके बाद अरुणाचल में संक्रमण से मुक्त होने की दर 99.58 प्रतिशत और ओडिशा में 99.07 फीसदी है। केरल में संक्रमण से मुक्त होने की दर 91.61 प्रतिशत है क्योंकि वहां पर इलाज करा रहे मरीजों की संख्या अधिक है।
उन्होंने बताया कि देश के पांच जिलों–मुंबई, तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम, कोट्टयम और कोझीकोड–में फिलहाल संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। सिंह ने बताया कि देश में संक्रमण इलाज करा रहे कुल मरीजों में से 70 प्रतिशत महाराष्ट्र और केरल के हैं। बयान के मुताबिक, एक विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ विनोद के पॉल और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश में टीकों के विकास की प्रगति और प्रधानमंत्री द्वारा 16 जनवरी को शुरू किए गए टीकाकरण अभियान के बारे में जीओएम को अवगत कराया। डॉ. पॉल ने बताया कि भारत टीके लगाने में दुनिया में छठे स्थान पर है और अगले कुछ दिनों में तीसरे स्थान पर आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि 23 लाख लोगों को टीका लगाया गया है जिसमें से 16 को प्रतिकूल प्रभाव दिखने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जो 0.0007 प्रतिशत है। टीके के प्रतिकूल प्रभाव का कोई गंभीर मामला या किसी की मौत होने का मामला अबतक सामने नहीं आया है। जीओएम की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने हिस्सा लिया।