ट्रैक्टर परेड को भव्य बनाने की तैयारी, दिखेंगी कृषि कानूनों के खिलाफ झांकियां

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड में झांकियों को भी शामिल करने जा रहे हैं। इनमें ग्रामीण जीवन, केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ ही आंदोलनकारियों के साहस को दर्शाने वाली झांकियों को दिखाया जाएगा। एक किसान नेता ने बताया कि प्रदर्शन में शामिल होने वाले सभी संगठनों को परेड के लिए झांकी तैयार करने का निर्देश दिया गया है। किसान नेताओं ने कहा कि ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण रहेगी और किसी भी तरह से आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड को प्रभावित नहीं करेगी। किसान नेता ने कहा कि देशभर से लगभग एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉलियां परेड में शामिल होंगी। इनमें से लगभग 30 प्रतिशत पर विभिन्न विषयों पर झांकी होगी, जिसमें भारत में किसान आंदोलन का इतिहास, महिला किसानों की भूमिका और विभिन्न राज्यों में खेती के अपनाये जाने वाले तरीके शामिल होंगे। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के कुछ बच्चों ने किसानों की आत्महत्या पर एक झांकी की योजना बनाई है।

आत्महत्या करने वाले किसानों के बच्चे भी होंगे शामिल!
स्वराज इंडिया के एक सदस्य ने कहा कि आत्महत्या करने वाले किसानों के बच्चों के परेड में हिस्सा लेने की उम्मीद है। उनकी झांकी में उस क्षेत्र के किसानों के सामने आने वाली कठिनाइयों को दर्शाया जाएगा जिसे पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड जैसे राज्यों की झांकी से पता चलेगा कि पहाड़ी क्षेत्रों में फलों और सब्जियों की खेती कैसे की जाती है।

बजाए जाएंगे लोकसंगीत और देशभक्ति गीत
पंजाब और हरियाणा के प्रतिभागी पारंपरिक और आधुनिक कृषि तकनीक और महिलाओं द्वारा गाय का दूध निकालने और किसानों द्वारा बैलगाड़ी चलाने का प्रदर्शन करेंगे। प्रत्येक ट्रैक्टर पर तिरंगा लगा होगा और लोक संगीत एवं देशभक्ति के गीत बजाये जाएंगे।

यहां से हो सकती है परेड की शुरुआत
प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के संयुक्त मोर्चे ‘संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के एक सदस्य ने कहा कि परेड की शुरुआत दिल्ली के पांच सीमा बिंदुओं – सिंघू, टिकरी, गाजीपुर, पलवल और शाहजहांपुर से होने की संभावना है – जहां किसान पिछले साल 28 नवंबर से डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर परेड राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड की समाप्ति के बाद शुरू होगी और शाम 6 बजे के करीब समाप्त होने से पहले 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी।

किसानों ने बनाया कंट्रोल रूम
एसकेएम सदस्य ने कहा कि परेड के दौरान प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक विरोध स्थल पर एक कक्ष स्थापित किया गया है। इन प्रत्येक कक्षों में डॉक्टर, सुरक्षाकर्मी और सोशल मीडिया प्रबंधकों सहित 40 सदस्य होंगे। किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए मार्ग के किनारे लगभग 40 एम्बुलेंस तैनात रहेंगी।

2,500 स्वयंसेवकों को किया गया तैनात
एक अन्य किसान नेता ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए 2,500 स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है कि परेड शांतिपूर्ण रहे और कोई अप्रिय घटना न हो। स्वयंसेवकों को बैज और पहचान पत्र दिए गए हैं। विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों की एक टीम भी सुरक्षा स्थिति पर नजर रखेगी। किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने देने के लिए दिल्ली पुलिस ने सिंघू और टिकरी बार्डर से बैरिकेड हटाने पर सहमति व्यक्त की है।

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