मोदी बोले- मुझे लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने वालों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी पुडुचेरी में नहीं कराए चुनाव
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा था कि देश में लोकतंत्र नहीं है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कुछ लोग मुझे लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे हैं, लेकिन खुद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पुडुचेरी में चुनाव नहीं करा पाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ करते हुए कहा, राज्य के लोगों को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बधाई देना चाहूंगा। डीडीसी चुनाव ने जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। सर्दी और कोरोना महामारी के बावजूद भी लोग बूथ तक पहुंचे।
दरअसल, हाल ही में जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव हुए, इसे लेकर माना जा रहा था कि आतंकी घटनाओं के बीच चुनाव कराना आसान नहीं होगा, लेकिन चुनाव आयोग ने बखूबी इस कार्य को पूरा किया है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है। लेकिन एक पक्ष और भी है, जिसकी तरफ मैं देश का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं। पुडुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और म्यूनिसिपल इलेक्शन नहीं हो रहे। उन्होंने कहा, आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ये आदेश दिया था। लेकिन वहां जो सरकार है, इस मामले को लगातार टाल रही है। पुडुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में स्थानीय निकाय चुनाव हुए थे। इन चुनावों में जो चुने गए उनका कार्यकाल साल 2011 में ही खत्म हो चुका है। लेकिन अभी तक यहां चुनाव नहीं कराए गए हैं। हमने एक साल के भीतर ही जम्मू-कश्मीर में त्रिस्तरीय चुनाव करा दिए। जम्मू-कश्मीर में हुए डीडीसी चुनाव की सफलता को लेकर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, एक समय था जब हम जम्मू कश्मीर सरकार का हिस्सा थे, लेकिन हमने उस सत्ता सुख को छोड़ दिया था। सरकार छोड़ने का हमारा तब मुद्दा यही था कि पंचायती चुनाव कराओ, जम्मू कश्मीर के ग्रामीणों को उनका हक दो। उन्होंने कहा, बीते वर्षों में हमने जम्मू-कश्मीर में ग्रासरूट डेमोक्रेसी को जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती के लिए दिन रात काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, इन चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत किया है। जम्मू-कश्मीर में ये त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था एक प्रकार से महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना पूरा किया है। देश में जो पंचायती राज व्यवस्था है उसने आज जम्मू-कश्मीर की धरती पर पूर्णता को प्राप्त किया है। जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि गांव के विकास में, गांव के लोगों की भूमिका सबसे ज्यादा रहे और इसके मद्देनजर योजना बनाने से लेकर अमल और देखरेख तक पंचायती राज से जुड़े संस्थानों को ज्यादा ताकत दी जा रही है।